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मई, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Log Kahenge

  _लोग कहेंगे कुछ तो लोग कहेंगे के चलते यूंही बीत जाती हैं जिंदगी समाज में ये शब्द चुप रहते हैं लेकिन दोस्तो दिलों के अरमानों को दबा देते हैं कुछ तो लोग कहेंगे इसके चलते कई लोगों की दुनियां और घर उजड़ जाते हैं हमारे दिल की इच्छा बंद कमरे में अपने अरमानों का गला घोट देती हैं कुछ तो लोग कहेंगे ये शब्द दुनियां में एक कटाक्ष बन गया है ये दुनियां आधुनिक हुई समाज बदला हम सब बदले लेकिन ये शब्द नही बदला आज भी सबके दिलो में मौजूद हैं कुछ तो लोग कहेंगे के चलते हमारे सपनों को बांधते हैं एक डोर जैसे और बना देते हैं हमको एक कुएं का मेढ़क बस इस कल्पना के चलते की कुछ तो लोग कहेंगे Amrita tripathi 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita Tripathi अगर आप अपनी कविता प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो आप व्हाट्सएप नंबर 7771803918 पर संपर्क करें।

Aaj ki Shadi

  _आज की शादी लग जाता है बाप एक बेटी को खुशियां देने में दिन रात प्रयास करता है रिश्ता सटीक होने मे पहले का अपना जमाना था लड़का न देखे लड़की को लड़की न देखे लड़के को बात पक्की हो जाती चट मंगनी पट ब्याह शादी धूमधाम से हो जाती आया है कलयुग मार्डन जमाना लड़का बोले शादी से पहले लड़की को है होटल घुमाना दिल मिले दिमाग़ मिले फिर है रिश्ता आगे बढ़ाना लड़का लड़की मिलते हैं गुपचुप बात इधर उधर हो जाना है बाते चलती घंटो लगभग फिर भी समझ नहीं आना है इस कलयुग में बोलो भाई शादी कैसे रचाना है Amrita tripathi 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita Tripathi अगर आप अपनी कविता प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो आप व्हाट्सएप नंबर 7771803918 पर संपर्क करें।

Amrit Vachan

  _अमृत वचन शिक्षा हमे सदाचारी बनाती है अज्ञानी और अभिमानी नही ईश्वर ने धरा पर भेजा है खूबियां निकालने के लिए कमियां नही हार कर जितने के बाद ही जीत का सुखद अनुभव होता है खुशियां दिल से बांटी जाती हैं दिमाग़ से नही यादों की चादर बहुत लंबी होती है जब मन दुःखी होता है तो कोई खुशी भी अच्छी नहीं लगती है जिन्दगी का सफ़र चुनौतियों से भरा होता है हमारे सुख के साथी बहुत मिलेंगे लेकिन दुःख के कम अमीरों को सब जानते हैं गरीबों को बहुत कम जिन्दगी में कभी भी हार मत मानो क्योंकि एक हार से कोई फ़कीर नही बनता है जिन्दगी की पहली पाठशाला की शिक्षक एक मां होती है अपने आप को कभी छोटा मत समझो दोस्तों क्योंकि एक चींटी एक हाथी को हरा देती है Amrita tripathi 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita Tripathi अगर आप अपनी कविता प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो आप व्हाट्सएप नंबर 7771803918 पर संपर्क करें।

Sansaar

  _संसार क्यों करते हो अभिमान इस संसार में सब कुछ पराया है किराए की माया है किराए का शरीर पराए नगरी पर मन क्यूं ललचाता है रूह को अपनी पहचान क्यूं इस संसार में बनाता है कुछ अपने को बनाओ कुछ सवारों पुण्य कर्म कर जाओ बस मोह माया का ये संसार है खेल होता यहां बेशुमार है यह धन दौलत मोह माया और ये शरीर सब यहीं रह जायेगा काम किसी के ना आएगा इस संसार में क्या लेकर आएं हैं क्या लेकर जाना है सब तिल तिल मरके यहीं छोड़ कर चले जाना है मुझे पता है थोड़ा बहुत अजीब सा लगता हैं लेकिन दोस्तो यहीं संसार की सच्चाई है जिन्दगी का मोल समझने के लिए Amrita tripathi 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita Tripathi अगर आप अपनी कविता प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो आप व्हाट्सएप नंबर 7771803918 पर संपर्क करें।

Aansu

  _आंसू दिल में कोई दर्द तकलीफ़ हो तभी आखों में आंसू निकलते हैं कभी कभी छोटी सी बात पर ये आंखो से झलक जाते हैं कभी कभी हम सब सोचते है इनको छुपा ले लाख तकलीफ़ हो फिर भी इनको हम सबकी नजरों से बचा ले लेकिन नही ये खुद अपने आप आखों से झलक जाते हैं इन आंसुओं का कोई घर संसार जाति धर्म भाषा नही है लेकिन ये जिसे मिले बहुत दर्द दे जाते हैं आज का इंसान ये कैसे कहे कि वह हर पल खुश हैं बस आंसू छिपाके हसता रहता है जिन्दगी जब जब परिक्षा लेती है तब तब ये आंखो में शोभा पाते हैं कुछ भी हो यारों ये आंसू हमारी जिन्दगी में कभी न कभी जरूर आते हैं Amrita tripathi 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita Tripathi अगर आप अपनी कविता प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो आप व्हाट्सएप नंबर 7771803918 पर संपर्क करें।

Jal

  _जल मुझे गर्व है मै जल हूं इस धरती मां शान मुझसे ही फलते है हर इंसान मै ही इनका जीवन हूं साक्षात मै ही पेड़ पौधों का वरदान कलियों की मुस्कान मुझसे ही है जीवन संसार मुझसे ही अनपूर्णना मुझसे ही तुम्हारा भरण पोषण मै नही तो जीवन मृत्यु समान मै ही प्रकृति और सृजन मै ही प्राणी के जीने का आधार मुझसे ही ये धरती और फसलों की शान मै परिमाप हूं जीवन का आधार भी मुझे गर्व है मै जल हूं इस धरती मां की शान Amrita tripathi 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita Tripathi  अगर आप अपनी कविता प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो आप व्हाट्सएप नंबर 7771803918 पर संपर्क करें।

Maa Ka Pyaar

  _मांँ का प्यार मां एक ऐसा नशा है तुझमें डूब जाते हैं हम अपने सब दुख भुलाकर तुम्हारे सीने में सिमट जाते हैं हम क्योंकि इसमें शामिल हैं कोमल हाथों की थपकियां आंसुओं की भीगी पलकों की झिलमिलाती झपकियां मां तुझमें ही है प्रथम गुरु की महिमा जिससे बनेगी एक दिन हमारे मान सम्मान की गरिमा तुम्ही हो जननी तुम्ही सहायिका तुम्ही हो मेरे आने वाले कल की नायिका तुम्हारे साथ हम बेहाल हो जाते हैं अंदर से निडर हो जाते हैं आखिर कैसा नशा है तुझमें मां डूब जाते हैं हम Amrita tripathi 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita Tripathi अगर आप अपनी कविता प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो आप व्हाट्सएप नंबर 7771803918 पर संपर्क करें।

Ladkiyan

  _लड़कियांँ लड़कियां कोमल होती है नाजुक होती है खूबसूरत होती है मासूम होती है इसका मतलब ये नहीं है कि वो कमजोर भी होती है लड़कियां पानी की तरह होती है जिस रंग में डालोगे उस रंग में रंग जायेगी लड़कियों के आंखो में शर्म और दिल में प्यार होता है लड़कियों का दिल दिमाग हमेशा साफ़ रहता है गंदगी तो ये समाज भरता है लड़कियों को खिलौना नही खेल समझो ये आती है तो खेल सुरु जहां लड़किया सह लेती है वहा लडको का मान सम्मान है जहां नही सहती है देखो कैसा हाल है लड़कियां जितना समर्पण करती है लड़के उतना कभी नहीं कर सकते हैं लड़कियों से ही संसार चलता है फूलता है और सृजन करता है देश वासियों आप तो जानते ही हैं जो लड़कियों का सम्मान करते हैं लक्ष्मी जी उन पर प्रसन्न होती है तो आप सब भी अपनी बहन बेटियों का सम्मान करते रहें Amrita tripathi 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita Tripathi EDUCATION : ADDRESS : Publisher Om Tripathi Contact No. 9302115955 आप भी अगर साहित्य उत्थान के इस प्रयास में अपनी मदद देना चाहते हैं तो UPI ID. ...

Basant Ritu

  _बसंत ऋतु देखो मां बसंत ऋतु आया है मेरे दिल को भाया है उपवन में खुशबू का छाया है चारों तरफ़ महकाया है महका है संसार खिले हैं फूल हज़ार रंगो की माला से हुआ है बसंत ऋतु का सम्मान चांद ने अपनी चांदनी है बिखराई धरती पर मानो मनमोहक छटा है छाई तितलियों के रंग बिरंगे पंख सबके मन को भाए हर साल ये बसंत ऋतु आए पौधों पर नए नए पल्लव है आए सब करने बसंत ऋतु का अभिनंदन है आए आसमां में उड़ रही हैं पतंग मानो बंधी हुई है मन की डोर पक्षी निकल पड़े हैं नीडो से कुछ पाने अनाज के दानों को मानो दिल उमड़ पड़ा है बसंत ऋतु मानने को कामना है बसंत ऋतु हर साल आए और सबके दिलो में समाए Amrita tripathi 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita Tripathi EDUCATION : ADDRESS : Publisher Om Tripathi Contact No. 9302115955 आप भी अगर साहित्य उत्थान के इस प्रयास में अपनी मदद देना चाहते हैं तो UPI ID. 9302115955@paytm पर अपनी इच्छा अनुसार राशि प्रदान कर सकते हैं। Social Media Manager Shourya Paroha अगर आप अपनी कविता प्रका...

Mayke Ki Yaad

  _मायके की याद मायके का दिन याद आता है मुझे वो भाई बहनों का साथ याद आता है मुझे याद आते हैं वो कालेज के दिन वो शिक्षको का आशीर्वाद मां की मीठी मीठी डांट वो दादी की बात वो चोरी चुपके खेलना कूदना दोस्तो से दिन भर बात करना और स्कूल में छुट्टी का इंतजार छोटी उम्र के छोटे सपने और प्यार भरी बातें वो तितलियों का पकड़ना और पिकनिक मनाने और परीक्षा की तैयारी सब कुछ याद आता है मुझे कभी कभी लड़ाई झगडे दिल की अकुलाहट कब खत्म हुईं पता ही नहीं चला मन दुखी होता है कभी कभी पंख पसारे उड़ जाऊं बचपन के घर मां दुआओं में कहती थी हरदम याद रखना बंधे रहोगे हरदम अतीत के डोर से तुम बिस्वास से भरे उम्मीद में चलो तुम अपने मजबूत पंखों से आसमां छू लो एक दिन  Amrita tripathi 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita Tripathi EDUCATION : ADDRESS : Publisher Om Tripathi Contact No. 9302115955 आप भी अगर साहित्य उत्थान के इस प्रयास में अपनी मदद देना चाहते हैं तो UPI ID. 9302115955@paytm पर अपनी इच्छा अनुसार राशि प्रदान कर सकते ...

Bhikchhuk

  _भिक्षुक गरीबी तोड़ देती जो रिश्ते खास बने होते हैं पराए अपने बन जाते हैं जब पैसे पास में होते हैं रिश्ते नाते सब कुछ बेचकर खाता है इंसान पेट की आग बुझाने के लिए दर दर डगमगाता है इंसान भिक्षुक बनकर दर दर भटकता है दो मुट्ठी चावल कि खातिर पेट पालने की खातिर आखों में आशा की किरण लेके हाथों में दया का पात्र सबके आगे झुकता है बेहाल विधाता ने कैसे हाथो की लकीरें बनाई कैसे बना दिए हैं भाग्य इस तकदीर के रंग अजीब है भिक्षुक सोचता है दिन रात कोई उसकी मर्म व्यथा को दूर कर दे कोई उसकी अंधेरी रात में जुगनू की तरह उजाला भर दे जैसे सुदामा के घर आए थे घनश्याम Amrita tripathi 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita Tripathi EDUCATION : ADDRESS : Publisher Om Tripathi Contact No. 9302115955 आप भी अगर साहित्य उत्थान के इस प्रयास में अपनी मदद देना चाहते हैं तो UPI ID. 9302115955@paytm पर अपनी इच्छा अनुसार राशि प्रदान कर सकते हैं। Social Media Manager Shourya Paroha अगर आप अपनी कविता प्रकाशित करवाना ...

Nahi Karna Chahiye

  _नही करना चाहिए थोड़ा सा सम्मान मिल जाए तो हमे पागल नही होना चाहिए जब धन मिल जाए तो बेकाबू नही होना चाहिए जब यश कीर्ति मिल जाए तो दुनिया पर नही हंसना चाहिए खुद से ज्यादा किसी पर भरोसा नहीं करना चाहिए सौंदर्य मिल जाए तो अपना चरित्र खराब नहीं करना चाहिए थोड़ा सा अधिकार मिल जाए तो किसी को तबाह नही करना चाहिए किसी मजबूरी से हमे भागना नहीं चाहिए हर तरह के गमों में हमे जीना सीखना चाहिए वक्त की आंधी में मौसम की तरह हमे बदलना नही चाहिए खुशी के आंसू रुकने नही देना चाहिए और गम के आंसू किसी के सामने बहने नही देना चाहिए खुशी मिले कहीं उसे इनकार नहीं करना चाहिए अपनो से कभी रूठ कर नही रहना चाहिए ये जिन्दगी है साहब यहां उतार चढ़ाव लगा रहेगा आप सब जानते हैं कि सूरज के बिना सुबह नही होती और चांद के बिना रात ठीक इसी तरह हम लोग अपनी इंसानियत को कैसे भूले Amrita tripathi 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita tripathi EDUCATION : ADDRESS : Publisher Om Tripathi Contact No. 9302115955 आप भी अगर साहित्य उत्थान के इस प्रयास ...

Ladki ki Vedna

  _लड़की की वेदना दिल मजबूत है बेटों का दिल में मासूमियत लाते हैं हम चेहरे पर मुस्कान है बेटों के हसीं की विरासत बन जाते हैं हम मन में तरंगे है बेटों के कुछ अलग कर जाते हैं हम आगे बढ़ने का मौका बस बेटों को आगे बढ़ जाते हैं हम खाद बीज डालते हो बेटों को फल फूलकर उग जाते हैं हम कुल का दीपक कहते हैं बेटों को कुल कुल का दीप जलाते हैं हम कुल का सम्मान बेटों को कुल कि लाज रख जाते हैं हम बोलने का मौका बस बेटों को चुप रहते कुछ अलग कह जाते हैं हम समाज में घूमने का मौका बस बेटों को घर में रहते हुए दुनियां घूम जाते हैं हम सहनशील बनाते हैं बेटों को सहनसिलता की मूर्ति बन जाते हैं हम ममता का प्यार दुलार बेटों को ममता की देवी बन जाते हैं हम घर में मुखिया बेटों को घर की लक्ष्मी बन जाते हैं हम अब तो बस करो मुझमें भेदभाव मुझे सम्मान दो आगे बढ़ने दो इसी संकल्प के साथ आओ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ Amrita tripathi 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita Tripathi EDUCATION : ADDRESS : Publisher Om Tripathi Contact No. 9302115955 आप भी...

Corona virus

  _कोरोना वायरस समय 2020का जैसे आया चीन ने एक हथियार बनाया सारे जहां को डराया भागो भागो कोराेना वायरस आया सर्दी खासी तेज़ बुखार यही बनी इसकी पहचान ना कोई है इसका इलाज़ डर डर भागे हमारा समाज देश के नेता बने महान दिए हैं लॉक डाउन का वरदान मोदी जी है बड़े महान सामाजिक दूरी का दिए हैं ज्ञान पुलिस डॉक्टर सबकी सलाह धोते रहो बस साबुन से हाथ कलयुग में ऐसी बीमारी ना देखी मैने ऐसी महामारी ना देखी भारत हमारा बनेगा महान करेगा एक दिन कोरोना साफ़ विश्व विजेता बनके दिखलाएगा सारे जहां का राजा कहलाएगा Amrita tripathi 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita Tripathi EDUCATION : ADDRESS : Publisher Om Tripathi Contact No. 9302115955 आप भी अगर साहित्य उत्थान के इस प्रयास में अपनी मदद देना चाहते हैं तो UPI ID. 9302115955@paytm पर अपनी इच्छा अनुसार राशि प्रदान कर सकते हैं। Social Media Manager Shourya Paroha अगर आप अपनी कविता प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो आप व्हाट्सएप नंबर 7771803918 पर संपर्क करें। ...

Jindagi Sikhati He

  _जिन्दगी सिखाती हैं ये जिन्दगी तू कितनी अजीब है जन्म से लेकर मृत्यु तक कुछ नया कुछ अलग सिखाती रहती कितनी तकलीफे लाती है तू कभी खुशी है तो कभी गम कभी धूप तो कभी छांव ये जिन्दगी तू है मुस्किलो का एक गांव यहां हर मोड़ पर हमे परीक्षा लेते हुए हमे मंजिल तक पहुंचाती हैं कभी हंसाती है तो कभी रुलाती ये जिन्दगी तू कभी हर चीज़ के लिए संघर्ष कराती इस दुनिया में न जाने कितने मोड़ है कहीं अच्छाई के तो कहीं बुराई के इन सपनों को पूरा करके नई उम्मीद जगाती हमे मृत्यु एक अंतिम पल है जीवन का उसमे भी कर्तव्य निभाती हैं ये जिन्दगी तू कितनी अजीब है कुछ नया कुछ अलग सिखाती रहती हमे Amrita Tripathi 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita tripathi EDUCATION : ADDRESS : Publisher Om Tripathi Contact No. 9302115955 आप भी अगर साहित्य उत्थान के इस प्रयास में अपनी मदद देना चाहते हैं तो UPI ID. 9302115955@paytm पर अपनी इच्छा अनुसार राशि प्रदान कर सकते हैं। Social Media Manager Shourya Paroha अगर आप अपनी कविता प...

Mera Kabootar

  _मेरा कबूतर एक दिन सावन की बात निराली बारिश में भीगी मेरी पीली साड़ी भीगा बदन भीगा तन मन और भीगा मेरा आंचल और भीग गए वो दाने मैने जो कबूतर के लिए डाले आता था बस मुझे देखने और खाने वो दाने बारिश हुई वो आ नही पाया दाना पानी कुछ खा नही पाया आज उम्मीद टूट गया है वो भी मुझसे रूठ गया है कलरव उसका मै सुन नही पाई इसी चिंता में नीद गवाई न जाने वो कैसा है भूखा है प्यासा है कैसा है सुना करके मेरा घर आंगन न जाने वो कैसा है पागल दिल लग गया है जिससे उसे प्यार कहते हैं एक दिन वो आएगा दाना पानी कुछ खाएगा मुझे गले लगाएगा और थपकी देकर मुझे गहरी नींद सुलाएगा 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita tripathi EDUCATION : ADDRESS : Publisher Om Tripathi Contact No. 9302115955 आप भी अगर साहित्य उत्थान के इस प्रयास में अपनी मदद देना चाहते हैं तो UPI ID. 9302115955@paytm पर अपनी इच्छा अनुसार राशि प्रदान कर सकते हैं। Social Media Manager Shourya Paroha अगर आप अपनी कविता प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो आप व्ह...

Hava hu Mein

  _हवा हूं मैं मैं चौराहे से गुजरी तुम्हारे बालों को चूमती हुई अपने आप में झूमती हुई बगीचे में गई फूलों को झकझोरा लताओं के मन में बोला नदी तालाबों झीलों नहरों खेत खलिहानों हर जगह गई पर मन न भरा मंदिर में पुजारी के कपड़े उड़ाए मंदिर का घंटा धीरे से बजा आए मै आग में घी का काम करू अपनी अंगड़ाई से जन घन नाश करू क्रोध करू तो सृष्टि हिला दू शांत रहे तो पसीने बहा दू जिधर चाहती हूं उधर घूमती हूं कहीं भी पता ठिकाना नहीं सब कुछ करने में सक्षम हूं फिर भी कहीं न कहीं बैचेन हूं क्योंकि मैं हवा हूं एक जगह रहती नही अपने घुन में बहकती रही 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita tripathi EDUCATION : ADDRESS : Publisher Om Tripathi Contact No. 9302115955 आप भी अगर साहित्य उत्थान के इस प्रयास में अपनी मदद देना चाहते हैं तो UPI ID. 9302115955@paytm पर अपनी इच्छा अनुसार राशि प्रदान कर सकते हैं। Social Media Manager Shourya Paroha अगर आप अपनी कविता प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो आप व्हाट्सएप नंबर 7771...

Barish ki Bunde

  _बारिश की बूंदे अरे वो बारिश की बूंदे बरस जाओ ना यहां तुमने यहां बर्षा क्या बरस कर थमा क्या आज वैसे वर्षो ना की तुम्हारे अंदर यौवन फूट पड़े ये धरती मां तुम्हें अपने आंचल में समेट पड़े अब बरस भी जाओ ना और अपनी मादकता से पूरी दुनिया को मदहोश कर दो एसा हमारा इरादा है येन्हा जरा होले से बरसना तुम्हारी बूंदे नही धरती मां की प्यास है आज बुझाने आओ ना अरे बारिश की बूंदे बरस जाओ ना यहां 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita tripathi EDUCATION : ADDRESS : Publisher Om Tripathi Contact No. 9302115955 आप भी अगर साहित्य उत्थान के इस प्रयास में अपनी मदद देना चाहते हैं तो UPI ID. 9302115955@paytm पर अपनी इच्छा अनुसार राशि प्रदान कर सकते हैं। Social Media Manager Shourya Paroha अगर आप अपनी कविता प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो आप व्हाट्सएप नंबर 7771803918 पर संपर्क करें।

Hava hu dikhti nhi

  _हवा हूं दिखती नहीं हवा हूं दिखती नहीं बस महसूस करते हो तुम हमें वृक्षों के बीच से गुजरती हुई पत्तो की खड़खड़ा हट में लिपटती हुई रहती हूं कभी कभी तुम मेरी आहट पाकर सिमट जाते हो मै जहां चाहती हूं वहा घूमती हूं मेरा कोई घर पता ठिकाना नहीं कभी मनभावन गंध वाले रंग बिरंगे फूलों पर तो कभी फंखुड़ियो पर पड़े ओस की बूंदों पर मैं पल पल तुमको महसूस होती हूं मेरी जादूगरी है तुम्हारे साथ प्रकृति के कण कण में अनुगुंगित होती हूं इस अनुपम संसार में हर पल हर तरफ हर जगह रहती हूं बस कहा ना हवा हूं दिखती नहीं बस महसूस करते हो तुम Amrita tripathi 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita Tripathi EDUCATION : ADDRESS : Publisher Om Tripathi Contact No. 9302115955 आप भी अगर साहित्य उत्थान के इस प्रयास में अपनी मदद देना चाहते हैं तो UPI ID. 9302115955@paytm पर अपनी इच्छा अनुसार राशि प्रदान कर सकते हैं। Social Media Manager Shourya Paroha अगर आप अपनी कविता प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो आप व्हाट्सएप नंबर...

Paropkaar

  _परोपकार दूसरो को रुलाने वाला रोएगा एक दिन अकेले में दूसरो को जलाने वाला जलेगा एक दिन अंधेरे में दूसरो को चोट मारने वाले को राहत कभी नहीं मिलेगी क्योंकि दर्द सहने वाले की पीड़ा ईश्वर के पास जाती है दर्द देने वाले दर्द पायेंगे एक दिन अकेले में मत उठाओ किसी के यकीन का फायदा मत छीनो किसी की आती हुई खुशियां मत घोटो किसी के अरमानों का गला नही तो दिल तड़पेगा एक दिन खुशी कब मिलेगी हमारे नसीब में परोपकार की भावना लाओ अपने दिल में हमने बात कही है एकदम सच्चाई से आज से संकल्प लो काम करोगे बस दूसरो की भलाई में Amrita tripathi 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita Tripathi EDUCATION : ADDRESS : Publisher Om Tripathi Contact No. 9302115955 आप भी अगर साहित्य उत्थान के इस प्रयास में अपनी मदद देना चाहते हैं तो UPI ID. 9302115955@paytm पर अपनी इच्छा अनुसार राशि प्रदान कर सकते हैं। Social Media Manager Shourya Paroha अगर आप अपनी कविता प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो आप व्हाट्सएप नंबर 77718...

Samaj

  _समाज हर रिश्ते का नाम नहीं होता है जिन्दगी में यैसे मोड़ आते हैं कि हर मोड़ का मुकाम नही होता ये समाज कहता है ये दुनियां है दिलवालो की लेकिन इसी दुनियां में कोई पत्थर दिल भी होता है हमारी एक गलती के लिए बार बार रोकता है और अपनी एक गलती छुपाने के पीछे सौ झूठ बोलता है ये समाज हमारी संस्कृति और सभ्यता इसी समाज से है लेकिन अपनी ही विरासत को भूल कर इतना आधुनिक क्यों बन रहा है समाज समाज कहता है सफ़ाई अभियान करो और अपने ही दिल की गंदगी हटाता नही समाज हम सुधरेंगे जग सुधरेगा इसी कहावत के साथ आओ मिलकर समाज में सामाजिकता का फूल खिलाएं 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita Tripathi EDUCATION : ADDRESS : Publisher Om Tripathi Contact No. 9302115955 आप भी अगर साहित्य उत्थान के इस प्रयास में अपनी मदद देना चाहते हैं तो UPI ID. 9302115955@paytm पर अपनी इच्छा अनुसार राशि प्रदान कर सकते हैं। Social Media Manager Shourya Paroha अगर आप अपनी कविता प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो आप व्हाट्सएप नंबर ...

Sainik

  _सैनिक सदा खड़े रहते हैं सैनिक अपने तलवारों की नोक पर सजाते है सपने अपनी इंसानियत की सोच पर हर जुल्म सहते हैं सैनिक अपनी बंदूकों की नोक पर होता है उनका मक़सद हर मुस्किल का हल कर देंगे कुछ भी हो यारों वतन के लिए जान कुर्बान कर देंगे करते हैं अभिमान वतन पर दुश्मन के हर वार सहे रक्षा करने हेतु सैनिक बार्डर पर दिन रात खड़े देस के मान सम्मान में जान अपनी लुटा देंगे कुछ ना होगा भारत को ऐसा कोहराम मचा देगें अशांति अंदर हो या बाहर हर तरफ अब जंग है दुसमनो से बचाने वाले सैनिक अब हमारे संग है Amrita tripathi 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita tripathi EDUCATION : ADDRESS : Publisher Om Tripathi Contact No. 9302115955 आप भी अगर साहित्य उत्थान के इस प्रयास में अपनी मदद देना चाहते हैं तो UPI ID. 9302115955@paytm पर अपनी इच्छा अनुसार राशि प्रदान कर सकते हैं। Social Media Manager Shourya Paroha अगर आप अपनी कविता प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो आप व्हाट्सएप नंबर 7771803918 पर संपर्क करें। ...

Maa ki Mamta

  _ माँ की ममता इस धरती पर जब मै आया गोद मे तेरे ख़ुद को पाया। गर्मी धूप का अहसास ना होता जब मैं तेरे आँचल मे सोता। दुःख क्या होता है मैं ना जानो, तेरे सिवा मैं किसी को ना पहचानू। मेरी रग-२ तू जाने है, मेरी हर धङकन तक तू पहचाने।     माँ सदा ही मेरे पास आती है , चूम के माथा मुझे जागती है।       प्यार से मुझे गले लगती है , मंजन ब्रश कराती है।      नाश्ता मुझे करती है , फिर स्कूल छोड़ने जाती है।  वापस स्कूल लेने आती है।  प्यार से होम वर्क मुझे करती है।  जब भी मैं दुःख मे होता, माँ के गोद मे सर रख कर सोता। आँख मे आशू आते ही , झट से वो मुझे गले लगाती है।       तेरे आँचल मे सदा ही दुलार है , तेरे गुस्से मे भी प्यार है। स्वर्ग ना देखा जन्नत ना देखा , देखा है मैने माँ का प्यार है।  तुझमे ही है मेरा ये जग सुन्दर संसार है। तेरा जो दर्शन मैंने कर लिया , नही जाना मुझे किसी के द्वार है। तेरा ममता की छाया मे ही रहना है, मुझे बारम्बार है। माँ अब तुम नज़र क्यों नही आती हो , क्यों प्यार से गले नही लगाती।  जिस चेहरे को...

Manjil

  _मंजिल जिंदगी मे मंजिल के लिए हजारों तकलीफ उठाते हैं लोग छोटा सा सपना लेके उसे सजाते हैं लोग नई नई उम्मीद को लेके हकीकत बनाने में सारी उम्र चली जाती हैं कुछ मिला है कुछ और मिलेगा इसी आस में रहते हैं लोग कभी खुसी तो कभी मुसीबतों से हाथ मिलाते हैं अपना दुख भूल कर दूसरो का भला कर जाते हैं लोग बात बात पर सहमत होने वाले कभी असहमत हो जाते हैं हंसते खेलते यूंही जिंदगी बिता देते हैं लोग और एक दिन ऐसा आता है अब कुछ छोड़कर दुनिया से चले जाते हैं लोग 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita tripathi EDUCATION : ADDRESS : Publisher Om Tripathi Contact No. 9302115955 आप भी अगर साहित्य उत्थान के इस प्रयास में अपनी मदद देना चाहते हैं तो UPI ID. 9302115955@paytm पर अपनी इच्छा अनुसार राशि प्रदान कर सकते हैं। Social Media Manager Shourya Paroha अगर आप अपनी कविता प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो आप व्हाट्सएप नंबर 7771803918 पर संपर्क करें।

Teez Vrat

  _तीज व्रत झूम के आओ गाए गीत आ गई सखियां देखो तीज बागों में बहार है बारिश की फुहार है कलियों में मुस्कान है तन मन में राग है बागों में झूले पड़े हैं प्यार भरे गीतों से दिल झूम उठे हैं चुनरी पहनें बहन झूमी मेहदी लगाकर हस के बोली ढोल नगाड़े संग बजाओ आज तीज व्रत मनाओ हर साल यह तीज त्यौहार आए खुशी से सुहागिनें मनाए सोलह श्रृंगार में स्त्री रंग जाए अमर सुहाग ईश्वर बनाएं अक्षय भंडार से हर घर भर जाए 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita tripathi EDUCATION : ADDRESS : Publisher Om Tripathi Contact No. 9302115955 आप भी अगर साहित्य उत्थान के इस प्रयास में अपनी मदद देना चाहते हैं तो UPI ID. 9302115955@paytm पर अपनी इच्छा अनुसार राशि प्रदान कर सकते हैं। Social Media Manager Shourya Paroha अगर आप अपनी कविता प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो आप व्हाट्सएप नंबर 7771803918 पर संपर्क करें।

Stree

  _स्त्री आज घर में आई एक नन्ही परी मंद मंद मुस्कान बिखेरती है कभी कभी कोई कुछ कहे घर में फिर भी खूबसूरती का ताज बनकर सबको लुभाती ज्यादा हंसने पर मना करता है घर क्योंकि वह अब बड़ी हो गई है और समझदार भी उसके साथ समाज कैसा भी व्यवहार करे रोना नहीं जानती हैं मुस्कराहट के पीछे हर दर्द आंखों में छिपाती है अब वो बड़ी है इतनी बड़ी की जिंदगी के फैसले खुद ले सके उसे भी वह परिवार पर थोपती है परिवार ने बनाया उसे आज दुलहन अब सुना होगा उसका घर आंगन फिर भी बांटना चाहती हैं खुशी की लोग आगे बढ़ कर उसे आशीर्वाद दे उस नई नवेली दुल्हन को जो आज विदा हो चली हैं एक दिन नन्ही परी आज अलविदा हो चली हैं 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita tripathi EDUCATION : ADDRESS : Publisher Om Tripathi Contact No. 9302115955 आप भी अगर साहित्य उत्थान के इस प्रयास में अपनी मदद देना चाहते हैं तो UPI ID. 9302115955@paytm पर अपनी इच्छा अनुसार राशि प्रदान कर सकते हैं। Social Media Manager Shourya Paroha अगर आप अपनी...

Radha ka Viyog

  _राधा का वियोग राधा बैठी हुई है आस लगाए दिल मेरा प्रियतम दिन रात बुलाए आंसू की धारा बहाऊ नदिया किनारे बिखरा हुआ है तन मन और बिखरा हुआ ये वस्त्र तन मन मेरा लकड़ी हुआ है तुम्हारे यादों की चादर में लिपटी हूं मैं कंपित कर रही हैं निशा घनेरी यमुना किनारे बैठी हूं आस लगाए कृष्ण मेरे दिल में बंसी बजाए किस किस को दुख बताएं नदियों की कल कल धारा से प्रार्थना करू कृष्ण को मेरे जल्दी बुलाए ये धरती ये नदियां अंबर सब मिल के यही गाए कृष्ण राधा का मिलन हो फिर बृज में खुशी छाए चले आओ प्रियतम दिल फिर मेरा आज बुलाए 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita tripathi EDUCATION : ADDRESS : Publisher Om Tripathi Contact No. 9302115955 आप भी अगर साहित्य उत्थान के इस प्रयास में अपनी मदद देना चाहते हैं तो UPI ID. 9302115955@paytm पर अपनी इच्छा अनुसार राशि प्रदान कर सकते हैं। Social Media Manager Shourya Paroha अगर आप अपनी कविता प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो आप व्हाट्सएप नंबर 7771803918 पर संपर्क करें। ...