_संसार
क्यों करते हो अभिमान इस संसार में सब कुछ पराया है किराए की माया है किराए का शरीर
पराए नगरी पर मन क्यूं ललचाता है
रूह को अपनी पहचान क्यूं इस संसार में बनाता है
कुछ अपने को बनाओ कुछ सवारों पुण्य कर्म कर जाओ
बस मोह माया का ये संसार है खेल होता यहां बेशुमार है
यह धन दौलत मोह माया और ये शरीर सब यहीं रह जायेगा
काम किसी के ना आएगा
इस संसार में क्या लेकर आएं हैं क्या लेकर जाना है सब तिल तिल मरके यहीं छोड़ कर चले जाना है
मुझे पता है थोड़ा बहुत अजीब सा लगता हैं लेकिन दोस्तो यहीं संसार की सच्चाई है जिन्दगी का मोल समझने के लिए
Amrita tripathi
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Poet
Amrita Tripathi
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Nice 👍
जवाब देंहटाएंGood 👍 bahan
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