_बारिश की बूंदे
अरे वो बारिश की बूंदे बरस जाओ ना यहां तुमने यहां बर्षा क्या बरस कर थमा क्या आज वैसे वर्षो ना की तुम्हारे अंदर यौवन फूट पड़े
ये धरती मां तुम्हें अपने आंचल में समेट पड़े
अब बरस भी जाओ ना और अपनी मादकता से पूरी दुनिया को मदहोश कर दो एसा हमारा इरादा है येन्हा
जरा होले से बरसना तुम्हारी बूंदे नही धरती मां की प्यास है आज बुझाने आओ ना अरे बारिश की बूंदे बरस जाओ ना यहां
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Om Tripathi
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Shourya Paroha
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Nice 👍 sister
जवाब देंहटाएंVery good amrita tripathi
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