_आंसू
दिल में कोई दर्द तकलीफ़ हो तभी आखों में आंसू निकलते हैं
कभी कभी छोटी सी बात पर ये आंखो से झलक जाते हैं
कभी कभी हम सब सोचते है इनको छुपा ले लाख तकलीफ़ हो फिर भी इनको हम सबकी नजरों से बचा ले
लेकिन नही ये खुद अपने आप आखों से झलक जाते हैं
इन आंसुओं का कोई घर संसार जाति धर्म भाषा नही है लेकिन ये जिसे मिले बहुत दर्द दे जाते हैं
आज का इंसान ये कैसे कहे कि वह हर पल खुश हैं बस आंसू छिपाके हसता रहता है
जिन्दगी जब जब परिक्षा लेती है तब तब ये आंखो में शोभा पाते हैं
कुछ भी हो यारों ये आंसू हमारी जिन्दगी में कभी न कभी जरूर आते हैं
Amrita tripathi
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Poet
Amrita Tripathi
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Right 👍 है
जवाब देंहटाएंNice 👍 है
जवाब देंहटाएंKya baat hai bahut khub
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