छोटे से तुम बड़े हो गये अब जरा करो विचार समय ने तुमसे बचपन छीना। अब समय को लेकर करो विचार। बहुत हुआ चिंतन अब। चिंतन को लेकर करो विचार। यूं चिंतन से बस नहीं होते उपचार। इस बात मैं करो विचार। कर्म की राह का । मत करो विचार। अब क्रम को हो तैयार। बहुत हुआ चिंतन और विचार । अब कर्म करो यार ,अब कर्म करो यार, कर्म और विचार,, Written by Anivesh Paroha Posted by Om Tripathi
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