गर करना है मुश्किलों का हल हो तो, तू चल |
होना है जीवन मे सफल तो, तू चल।
बनना है मजदूरों का सबल तो, तू चल।
साफ करनी है लोगों के मस्तिष्क की दलदल तो तू चल ।
दिखना है यदि सबसे विरल तो, तू चल ।
छूना है आसमान का आंचल तो, तू चल ।
यदि देना है लोगों को जवाब प्रतिपल तो , तू चल ।
ढूंढना है जीवन के प्रश्नों का हल तो तू चल ।
पीना है समुद्र मंथन का गरल हो, तो तू चल ।
खिलाना है यदि कीचड़ मे कमल तो , तू चल।
चलते रहना है जीवन में हर पल इसीलिये, तू चल॥
Written by
Vartika Dubey
(M.A, B.Ed)
Phulpur, prayagraj
Posted by
Om Tripathi
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