Pita Mere सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Pita Mere

 


_पिता मेरे

Poet Amita Singh


पिता मेरे । शत् शत् नमन..


सागर से भी गहरा, अंबर से भी ऊँचा जिसका प्यार है


' पिता " इक शब्द नहीं, संपूर्ण संसार है, 

अनुभूति से आनंद तक ... असीम आशीर्वाद है

पिता तेरा हमसभी पर अनमोल अनुराग है 

मेरी रग-रग में बसा तेरा संस्कार है..

 रक्त की हर बूंद तेरी ही कर्जदार है.

ये जिंदगी, जज्बा, जुनून, तेरा दिया उपहार है.. 

मेरी हिम्मत, हौंसला और ये हंसीं तेरा दिया प्यार है.. 

सागर से भी गहरा, अंबर से ऊंचा जिसका प्यार है

पिता इक शब्द नहीं संपूर्ण संसार है 


जीवन एक परीक्षा है,सफलता पिता की शुभेच्छा है 

जंग भी तेरी, जीत भी तेरी, मेरा जीवन तेरी ही इच्छा है

 पिता हमारी पहचान है, सारी खुशियां सारा जहान है 

वजूद से जिसके लगता जीवन, हर क्षण नया विहान है. 

आदर्श तुमही हो, पिता मेरे ,तुमसे मेरा आत्मविश्वास है 

जीवन बने सफल मिले सुख-समृद्धि तेरे आशीष की आश है


सागर से भी गहरा, अंबर से भी ऊँचा तेरा प्यार है मेरे

 "पिता" तू ही मेरा संपूर्ण संसार है....

👉हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें👈

Poet

Amita Singh

अगर आप अपनी कविता प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो आप व्हाट्सएप नंबर 7771803918 पर संपर्क करें।

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

हमें बताएं आपको यह कविता कैसी लगी।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Ummeede

_   उम्मीदें उम्मीदें इस जहाँ में बस ख़ुदा से रखना तुम साबरी इंसान कभी किसी के साथ वफ़ा नहीं करते। जो क़ैद कर ले किसी को अपनी यादों में, तो मरने तक उनको उस यादों से रिहा नहीं करते। रूह से इश्क़ करना ये बस ख़्वाबों-ख़यालों  फिल्मों में सुन रखा होगा सबने, हक़ीक़त में इस जहाँ में लोग बिना जिस्म के इश्क़ का सौदा नहीं करते। वादे करके भूल जाना तो इंसान की फ़ितरत है। यहाँ वादे ख़ुदा से भी करके लोग पूरा नहीं करते। ~ Drx Ashika sabri (Age: 22) Bsc ,D pharma Varanasi(U.P)

Chitthi

  चिट्ठी (कविता)  लिख कर चिट्ठी भेज रही हु भगत सिहं तुझे बुलाने को ,  1 बार फिर आ जाओ अपना देश बचाने को ।  छोटे छोटे बच्चे भुखे रोते रोज सीमा पर शहीद सैनिक होते  भारत मॉं पर हमले पाक चीन के होते  देश हथियाने को ,  आ जाओ अपना देश बचाने को।  रोज नए नए गठबन्धन होते नए नए नेताओ के संगम होते ,  गद्दार सब काले धन पर सोते आराम फरमाने को ,  आ जाओ अपना देश बचाने को ।  ना एकता लोगो मे आयी, भाई ने भाई की जान गवायी ,  और सरकार ने करवाई लडाई दंगे भडकाने को ,  आ जाओ अपना देश बचाने को ।  गरीबो का होता शोषण हो रहा अमीरो का पोषण ,  सरकार दे रही झूठा भाषण वोट बनाने को ,  आ जाओ अपना देश बचाने को ।  हम भारत के वासी हमारा ना ईश्वर ना कैलाशी ,  सब कुछ बस भारत मॉँ कहलाती ,  आ जाओ पाक चीन का दिल दहलाने को,  आ जाओ अपना देश बचाने को ।  ये देश ही मेरी पूजा है, भगवान है ,  शबगा है गाँव मेरा और भारती मेरा नाम है ,  मै प्रेम भाव से लिखू कविता ,  भारत के सपने नये सजाने को ,  आ जा...

Mere kridan bade surile

  मेरे क्रंदन बड़े सुरीले हैं (कविता)  जिस रोज वैदेही के अंखियो से , मेरी जडों में जल प्रपात उठ आया , उस रोज प्रकृति ने भी। कुज वसुधा की पलटी काया।। मेरी पुत्री मेरी छांव में बैठी , ऐसे विलाप के गायन ज़रा नुकीले हैं।         सुन आर्यपुत्र की माई !!                         मेरे क्रंदन बड़े सुरीले हैं ॥ पांचाली से मुझे हर लिया , सुष्म - बदन निर्झरणी को ॥ देख विप्लव मैं कलंकित हो गई , दुःशासन की करनी को ॥ पवित्र कलिंदी के गर्भ में भी, कुकर्म के विशाल टीले हैं,,         सुन आर्यपुत्र की माई !!                         मेरे क्रंदन बड़े सुरीले हैं ॥ जब वैकुण्ठ भीगो के गोढ़ , बैठे चले मुझ पे तरणी में ॥ संग अनुज- सिया रखुबर पुर जाई , मन करे छंद भर दौड़ , चुम आऊँ आज चरणी मैं ॥           कब मिलिहो  चउदा बरस बाद ?? बिन तुमरे , हो गई अयोध्या भय - सूना काल।। मेरा व्योम चुरा लेगी रजनी ये!!...