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Nya sabera

 नया सवेरा

(कविता) 

एक नये सवेरे को लेकर आया दिनकर।

                        एक नई आशा उमंग को लेकर आया दिनकर

सोए हुए जग को ,जगाने आया दिनकर।

                       अपनी किरणों की कालीनता से।

अँधेरे जग को जगाने आया दिनकर ।

                      अपनी कालीन किरणों से।

अँधकार को प्रकाश की ओर ले आया दिनकर।

                     अपनी रक्त भरी किरणों से।

प्रकृति श्रृंगार करने आया दिनकर ।

                      निर्धन और धनवान की जिन्दगी में।

आशा लेकर आया दिनकर।

                     मानवता के जीवन में , आलस्य भगाने आया दिनकर।

पुष्पों और फलों को परिपूर्ण बनाने आया दिनकर ।

                         हर जीव और प्रकृति में।

नई उमंग ले आया दिनकर।


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Poet

Rahul Bhatt

EDUCATION :11th
ADDRESS :Nagal Manjgaon uttarkashi, Uttrakhand
From Uttrakhand



Publisher

Om Tripathi

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टिप्पणियाँ

  1. अति सुन्दर रचना।

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  2. Manoj nautiyal rahul bhatt is a god poet

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  3. Amazing piece! Very well done!Beautiful write!

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