_धीरे धीरे चल
धीरे धीरे चल जिंदगी अभी बहुत कुछ कर जाना है
कुछ फर्ज निभाना है
अलग कर दिखाना है
रूठो को मनाना है
अपनी मंज़िल पाना है
कुछ सपने अधूरे कुछ काम अधूरे
उन्हें सुलझाना है
अपने हुऐ पराए
किसे दर्द बताएं
उन्हें रिस्तो का एहसास कराना है
धीरे धीरे चल जिंदगी अभी बहुत कुछ कर जाना है
Amrita tripathi
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Publisher
Om Tripathi
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