_आलस्य से दूर रहें
एक 23साल की लड़की जब मेडिकल की पढ़ाई पूरी करके अपने घर पर आई तो घर के अगल बगल वाले बहुत लोगों का मिलना जुलना सुरु हो गया हर कोई उस लड़की से मुलाकात करता और जान पहचान रखता क्योंकि कब कहां कैसे किसे जरूरत पड़ जाए लेकीन वह लड़की बहुत ज्यादा आलसी थी देर से सोना देर से जागना देर रात में खाना पीना करना एक दिन अचानक गांव में एक आदमी बीमार हो गया था रात को उसे इलाज की जरूरत पड़ी 11bje रात को लड़की के घर पर कुछ लोग गए बुलाने की मैडम जी चले नही तो लखन चाचा को कुछ भी हो सकता है वह लड़की फोन चलाने में व्यस्त हो गई थी की बोली हम इस टाइम कुछ काम कर रहे हैं फोन पर सुबह आते हैं देख लेंगे मरीज को बहुत कोशिश किया गांव वालों ने वह लड़की नही गईं और अचानक देर रात में लखन चाचा की तबियत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई लड़की सुबह देर में उठी और नहाया धोया मेकप किया पर्स उठाया और चली गई जैसे लखन चाचा के घर पर पहुंची उनकी मौत हो चुकी थी लड़की को अचानक बहुत ज्यादा झटका लगा वो रोने लगी और बोली मेरी वजह से जान चली गई है मैं सही समय पर इलाज कर लेती तो वो ठीक हो सकते थे नही भी होते तो मैं सही समय पर इलाज के लिए अस्पताल भेज सकती थी मैं अपने आपको कभी माफ नहीं कर सकती हूं उस दिन से उस लड़की ने अपने जीवन का आलस्य त्याग दिया और सबकी मदद करने लगीं इस कहानी से हमें ये सिख लेनी चाहिए कि किसी भी कार्य में आलस्य नही करना चाहिए
Amrita tripathi
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Shourya Paroha
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Nice 👍 sister
जवाब देंहटाएंमुझे भी अपनी कविता छपानी है कैसे प्रकाशित कराऊ
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