_क्या खरीदा
पैसे से हमने मकान खरीदा आनंद नही खरीद पाए
पैसे से हमने शान शौकत खरीदी इज़्जत नही खरीद पाए
पैसे से हमने भोजन खरीदा भूख नही खरीद पाए
पैसे से हमने बिस्तर खरीदा नींद नही खरीद पाए
पैसे से हमने वस्त्र खरीदा वाणी नही खरीद पाए
पैसे से हमने गहने खरीदे रूप न खरीद पाए
पैसे से हमने कुंडली खरीदी किस्मत नही खरीद पाए
पैसे से हमने डिग्री खरीदी ज्ञान नही खरीद पाए
पैसे से हमने पानी खरीदा प्यास नही खरीद पाए
पैसे से हमने फोन खरीदा रिश्ते नही खरीद पाए
पैसे से दूसरो को रुला दिया आंसू नहीं पोंछ पाए
पैसा जीवन को चलाने के लिए हमारी अजीविका हैं लेकिन पैसे से बढ़कर भी कुछ है हमे उसे समझना और समझाना चाहिए
Amrita tripathi
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Poet
Amrita tripathi
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