_अनमोल वचन
मेहनत करके खाओ दया का पात्र बन के नही
आंसू बहाओ ईश्वर के सामने इंसानों के नही
जो दूसरों पर हंसते हैं दुनियां उन पर हंसती है
मज़ाक ऐसा मत करो कि वो तीर तलवार बन जाए
दूसरो की सहायता इतना ना करो कि तुम एक निर्धन भिखारी हो जाओ
धन दौलत होने पर कोमल बनो अभिमानी नही
खुशियां बाटने से मिलती है छीनने से नही
दिल खूबसूरत रखो चेहरा नही
अपने आप को पानी बनाओ जिस रंग में रहो वही रंग जाओ
दुख सहते सहते हम मज़बूत बनते हैं कमज़ोर नही
आंखे सबके पास होती है बस देखने का तरीका अलग अलग होता है
उम्मीद की थाली मे हमे प्यार परोसना चाहिए नफ़रत नही
हम आशा करते रहें आप सब हमारी बातों से सहमत हैं
Amrita tripathi
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Poet
Amrita Tripathi
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Good 👍 bahan
जवाब देंहटाएंRight 👍 bahan
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