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Mayke Ki Yaad

 

_मायके की याद

Poet Amrita Tripathi



मायके का दिन याद आता है मुझे वो भाई बहनों का साथ याद आता है मुझे याद आते हैं वो कालेज के दिन वो शिक्षको का आशीर्वाद मां की मीठी मीठी डांट वो दादी की बात वो चोरी चुपके खेलना कूदना दोस्तो से दिन भर बात करना
और स्कूल में छुट्टी का इंतजार छोटी उम्र के छोटे सपने और प्यार भरी बातें वो तितलियों का पकड़ना और पिकनिक मनाने और परीक्षा की तैयारी
सब कुछ याद आता है मुझे
कभी कभी लड़ाई झगडे दिल की अकुलाहट कब खत्म हुईं पता ही नहीं चला
मन दुखी होता है कभी कभी पंख पसारे उड़ जाऊं बचपन के घर मां दुआओं में कहती थी हरदम याद रखना बंधे रहोगे हरदम अतीत के डोर से तुम
बिस्वास से भरे उम्मीद में चलो तुम अपने मजबूत पंखों से आसमां छू लो एक दिन 

Amrita tripathi

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Amrita Tripathi

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