_लोग कहेंगे
कुछ तो लोग कहेंगे के चलते यूंही बीत जाती हैं जिंदगी समाज में ये शब्द चुप रहते हैं लेकिन दोस्तो दिलों के अरमानों को दबा देते हैं
कुछ तो लोग कहेंगे इसके चलते कई लोगों की दुनियां और घर उजड़ जाते हैं
हमारे दिल की इच्छा बंद कमरे में अपने अरमानों का गला घोट देती हैं
कुछ तो लोग कहेंगे ये शब्द दुनियां में एक कटाक्ष बन गया है
ये दुनियां आधुनिक हुई समाज बदला हम सब बदले
लेकिन ये शब्द नही बदला आज भी सबके दिलो में मौजूद हैं
कुछ तो लोग कहेंगे के चलते हमारे सपनों को बांधते हैं एक डोर जैसे और बना देते हैं हमको एक कुएं का मेढ़क
बस इस कल्पना के चलते
की कुछ तो लोग कहेंगे
Amrita tripathi
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Poet
Amrita Tripathi
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Kya baat hai Amrita tripathi ji nice 👍
जवाब देंहटाएंNice 👍 sister
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