_ गंगा की महानता
ये गंगा करती है सबको नंगा ,
क्योकि गंगा बड़ी महान है ।
करते लोग इसमे स्नान है ।
गंगा सबके पापो को धुलती है ।
इसी लिए तो गंगा सागर में मिलती है ।
गंगोत्री से निकली मैदानों में चली,
सबके पापो और मैलो को समेटे चली ।
इसी लिए गंगा बड़ी महान है ।
इसके किनारे लाखों शमसान है ।
सबके पापों के धोने का साधन है ये ।
लाखों लोगों का मोहती मन है यें ।
गंगा के किनारे होते है बड़े -बड़े मेले |
यहाँ नहाने आते है बहुत से अलबेले ।
उसके किनारे बहुत से बैठे है पड़े,
इसी लिए लगे है यहाँ ऊंचे -ऊंचे झंडे ।
यहाँ पे सबका अलग - अलग निशान है ।
किसी का त्रिशुल तो किसी का तीर कमान है ।
यहाँ पे सबके अलग - अलग जजमान है ।
इसीलिऐ कहता हूँ कि गंगा बड़ी महान है ।
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Om Tripathi
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