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गुल्ली डंडा

Written by anil kumar, अयोध्या उत्तरप्रदेश


जब गुल्ली डंडा म भय झगड़ा ,

कालर भय पकडी पकड़ा ।

मारपीट भय टंडन से 

बात फैल गई लवड़न से।। 


खबर जाई के पहुँची घर मा 

आओ दहिजरऊ बोली अम्मा, 

डर के मारे काँपत हैं 

पीछे के खिड़की से झांकत हैं।। 


बात हमार सुनौ सहदेव 

गुस्सा तुहूँ थूक देव

नाही घर मा बप्पा माई 

खूब करिहै चप्पल से पिटाई 

एतने म जब बप्पा पहुँचे 

पकड़ के कालर कान पे खीचे।।

ज़िन्दगी नरक कय गयौ 

सारे अब तू पढ़ भयौ



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