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कर्जदार

जिस्म की मशाल 

चेहरे कि चकाचौंध 

                    एक नन्ही सी चिया

                     फागुन की बगिया

सोंधी माटी , माटी का खिलौना

आखिरी सफर , अंतिम बिछौना    आज दौलत कि इस रौशनी को मैं 

         कलम किए जाता हूँ।

तेरा कर्जदार हूँ बन्दे !!

         मैं तेरा कर्ज लिए जाता हूँ । 


प्रफुल्लित हृदय की आखिरी बूँद

बह गई है ।

जो डली नींव थी बरसों पेहले

वो अब ढह गई है ।

             

अभी वो जुलाहे की पाखी बेलती है " तू सुन रहा है न ? अबकी डगर भिन्न है ।" 

उड़ चला है कबूतरों का डेरा 

जानें कहाँ डालेगा बसेरा ?

   भिखमंगों कि इस दुनिया को मैं

    सन्न किए जाता हूँ ।

तेरा कर्जदार हूँ बन्दे !!

मैं तेरा कर्ज लिए जाता हूँ ॥

        

प्रेम मोह माया मंझधार 

किस गुहार को मैं कर पाया साकार ?

रोटी तो न दे पाया उस बच्चे को !

हाँ लेकिन .....

वो रोटी माँगता बच्चा तस्वीर में जरूर है ॥

इंसान कहता हूँ खुद को आखिर इंसानीयत का क्या गुरूर है ?

      कैसी अफरातफरी  है ये 

     अंधकार आवेश कैसा है ?

तेरे प्रेम का निमित्त दसों दिशाओं 

पैसा है ।

     आज जब तेरी सफेद सेज 

    तुझे बुला रही,

     बता मुझे अब कठपुतली ,

     तुझे गुमान ये कैसा है ?

हर पल अब पानी का बुलबुला है

छितरा गया हूँ इस 

                   आखीरी छोर पर ।

हे मन !! तू किस मानिंद पर फूला       

                   है ?

थम गई है मेरी हर उड़ान

दूसरा ठिकाना पाता हूँ

        हे प्रभू !! मुझे माफ कर

अपनी परछाईयों को मैं आज सत्बध किए जाता हूँ ।

       तेरा कर्जदार हूँ बन्दे !!

    मैं तेरा कर्ज लिए जाता हूँ।।


                

               कवियित्री : नेहा यादव (xth )

 RPVV IP - Extention New Delhi 110092








        

टिप्पणियाँ

  1. Kunal3:22 pm

    Very nice my cute sister❤️

    जवाब देंहटाएं
  2. Simon nagar3:23 pm

    बहुत सुंदर लिखती हैं आप

    जवाब देंहटाएं
  3. Rhythm singh routela3:26 pm

    Neha, how do you think deeply in this age, I am very impressed with you

    जवाब देंहटाएं
  4. Siddharth3:32 pm

    itti si age me itti lambi kavita or vo bhi itne high quality ke words kaise likh leti ho .....apke parents bhi ko bhi kavitaye likhne ka shouk h ?? ......give me some writing tips

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. Neha yadav4:44 pm

      Nhi ....!! Mere parivar me sirf mujhe hi kavita likhne ka shouk h....Poetry is the voice of our heart, to write it we have to listen to the voice of our heart and just put our feelings on paper.

      हटाएं
  5. जया3:38 pm

    बहुत खूब ... इस प्रतिभा को और माँजो मुझे यकीन नहीं विश्वास है आप एक दिन हीरा बनके उभरेंगी ...

    जवाब देंहटाएं
  6. Mayur saxena5:08 pm

    When I see children like you, it feels very good that the future of our country is not on any wrong path.I have a lot of hope with children like you.. Your thoughts have developed so much in this age itself.God bless you Neha keep going like this beta ❤️

    जवाब देंहटाएं
  7. Alisha govind5:12 pm

    Fantastic ....your writing skills are excellent !!

    जवाब देंहटाएं
  8. Anil Kumar7:56 am

    खुदा करे हर ऊँचाई हांसिल हो आप को

    जवाब देंहटाएं
  9. Shagun pathak9:24 am

    O my god !!
    I can't believe this ap sirf abhi 10th class me ho or abhi se apki poetry ki skills itni develop ho chuki h .....mene apki or kavitaye bhi pdi h ap kabil-e- tarif ho 9th class se hi apki kavitaye published ho rhi h .....!! All the best for your future ....

    जवाब देंहटाएं
  10. आपकी मुस्कुराहट आपकी कविता मे चार चांद लगा देती है नेहा जी !!
    I Like you

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