Chitthi सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Chitthi

Shaheed bhagat singh

 चिट्ठी

(कविता) 

लिख कर चिट्ठी भेज रही हु भगत सिहं तुझे बुलाने को , 

1 बार फिर आ जाओ अपना देश बचाने को । 


छोटे छोटे बच्चे भुखे रोते रोज सीमा पर शहीद सैनिक होते 

भारत मॉं पर हमले पाक चीन के होते 

देश हथियाने को , 

आ जाओ अपना देश बचाने को। 


रोज नए नए गठबन्धन होते नए नए नेताओ के संगम होते , 

गद्दार सब काले धन पर सोते आराम फरमाने को , 

आ जाओ अपना देश बचाने को । 


ना एकता लोगो मे आयी, भाई ने भाई की जान गवायी , 

और सरकार ने करवाई लडाई दंगे भडकाने को , 

आ जाओ अपना देश बचाने को । 


गरीबो का होता शोषण हो रहा अमीरो का पोषण , 

सरकार दे रही झूठा भाषण वोट बनाने को , 

आ जाओ अपना देश बचाने को । 


हम भारत के वासी हमारा ना ईश्वर ना कैलाशी , 

सब कुछ बस भारत मॉँ कहलाती , 

आ जाओ पाक चीन का दिल दहलाने को, 

आ जाओ अपना देश बचाने को । 


ये देश ही मेरी पूजा है, भगवान है , 

शबगा है गाँव मेरा और भारती मेरा नाम है , 

मै प्रेम भाव से लिखू कविता , 

भारत के सपने नये सजाने को , 

आ जाओ अपना देश बचाने को , 

लिख कर चिट्ठी भेज रही हु भगत सिहं तुम्हे बुलाने को ---------       

👉हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें👈

Poet

Bharti Panwar

EDUCATION :M.A
ADDRESS :Shabda
Hindi poet from shabda



Publisher

Om Tripathi

Contact No. 9302115955
आप भी अगर साहित्य उत्थान के इस प्रयास में अपनी मदद देना चाहते हैं तो UPI ID. 9302115955@paytm पर अपनी इच्छा अनुसार राशि प्रदान कर सकते हैं।

Social Media Manager

Shourya Paroha

अगर आप अपनी कविता प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो आप व्हाट्सएप नंबर 7771803918 पर संपर्क करें।

टिप्पणियाँ

  1. बेनामी1:29 pm

    Inqlaab jindabad Bharat mata ki Jay

    जवाब देंहटाएं
  2. Really appreciatI've, incredible, nd motivated.... Keep it up 👍

    जवाब देंहटाएं
  3. बेनामी6:03 pm

    बहुत खूब लिखा है।
    जय हिंद , जय भारत

    जवाब देंहटाएं
  4. जय हो भारत माता के वीरो की।
    बहुत ही सुंदर कविता लिखी है बहन ने।

    जवाब देंहटाएं
  5. Inspiring poem.. Liked it very much!! Keep going.. Jay hind

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

हमें बताएं आपको यह कविता कैसी लगी।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Ummeede

_   उम्मीदें उम्मीदें इस जहाँ में बस ख़ुदा से रखना तुम साबरी इंसान कभी किसी के साथ वफ़ा नहीं करते। जो क़ैद कर ले किसी को अपनी यादों में, तो मरने तक उनको उस यादों से रिहा नहीं करते। रूह से इश्क़ करना ये बस ख़्वाबों-ख़यालों  फिल्मों में सुन रखा होगा सबने, हक़ीक़त में इस जहाँ में लोग बिना जिस्म के इश्क़ का सौदा नहीं करते। वादे करके भूल जाना तो इंसान की फ़ितरत है। यहाँ वादे ख़ुदा से भी करके लोग पूरा नहीं करते। ~ Drx Ashika sabri (Age: 22) Bsc ,D pharma Varanasi(U.P)

Mere kridan bade surile

  मेरे क्रंदन बड़े सुरीले हैं (कविता)  जिस रोज वैदेही के अंखियो से , मेरी जडों में जल प्रपात उठ आया , उस रोज प्रकृति ने भी। कुज वसुधा की पलटी काया।। मेरी पुत्री मेरी छांव में बैठी , ऐसे विलाप के गायन ज़रा नुकीले हैं।         सुन आर्यपुत्र की माई !!                         मेरे क्रंदन बड़े सुरीले हैं ॥ पांचाली से मुझे हर लिया , सुष्म - बदन निर्झरणी को ॥ देख विप्लव मैं कलंकित हो गई , दुःशासन की करनी को ॥ पवित्र कलिंदी के गर्भ में भी, कुकर्म के विशाल टीले हैं,,         सुन आर्यपुत्र की माई !!                         मेरे क्रंदन बड़े सुरीले हैं ॥ जब वैकुण्ठ भीगो के गोढ़ , बैठे चले मुझ पे तरणी में ॥ संग अनुज- सिया रखुबर पुर जाई , मन करे छंद भर दौड़ , चुम आऊँ आज चरणी मैं ॥           कब मिलिहो  चउदा बरस बाद ?? बिन तुमरे , हो गई अयोध्या भय - सूना काल।। मेरा व्योम चुरा लेगी रजनी ये!!...