मेरा यार समनज़ार
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>> रामावतार दाधीच
संदल की वादी सा , तेरा चेहरा लगता है ।
नैनों में उतर जाऊँ, समंदर गहरा लगता है ।।
रहते हो , तुम दिल में
अहसास करा दूँ, पल में
दिल मजरुह सा डोल रहा तन्हा
मौहब्बत की महफ़िल में
तेरी काली जुल्फों में , नूतन सवेरा लगता है ।।
नैनों में उतर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
अंजन तेरी आँखों में ,
यादों की सलाखों में ,
कातिल अदा है, सब तुम पे फिदा
हो तुम एक ही लाखों में ।
तेरे कजरारे नैनों में , मुकद्दर मेरा लगता है ।।
नैनों में उतर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
तेरे लबों की गुलाबी सुरेखा
दिल को हमने लुटते देखा
घनघोर घटा सी छाई दिल पे हमारे ,
तेरे काजल की पतली रेखा ।
हया भरी है आँखों में तेरा रंग सुनहरा लगता है ।
नैनों में उतर ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
संदल की वादी सा तेरा चेहरा लगता है ।।
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Written by
Ramawtar Dadhich
Address - VILL- ARSINGA,
DIST. - NAGAUR
RAJASTHAN
PIN - 341023
8428308932
Posted by
Om Tripathi
Very nice 🥰
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हटाएंBhut bdiya
जवाब देंहटाएंThanks
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