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भाई


 

कैसा भी हो एक भाई होना चाहिये……….


बड़ा हो तो रक्षा करे जो बहन की


छोटा हो तो हमारे पीठ पीछे भी खयाल रखे……….!!


बड़ा हो तो चुपचाप हमारे दिल की सुने


छोटा हो तो मन की सुने………!!


छोटा हो या बड़ा


मन में मैल न रखे जो


एक भाई होना चाहिये…….!!


बड़ा हो तो, गलती पे हमारे कान खींचे


छोटा हो तो अपनी गलती पर,


सॉरी दीदी कहने वाला…


खुद से ज्यादा हमे प्यार करने वाला एक भाई होना चाहिये..!! 


और भाई होकर बहन को जो न समझे ऐसा भाई भी

नहीं होना चाहिए......!!

भाई दूज की शुभ कामनाएं!! 

Written by

स्व रचित ......( कंचन वार्ष्णेय)


Posted by

ओम त्रिपाठी

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