
पूजते हो कभी मुझे तुम,
देवी मां के रूप में।
कभी मांगते आशीष मुझसे,
अपनी मां के रूप में।
बहुत प्यारी लगती हूं,
जब भैय्या भैय्या बुलाती हूं।
फूले नहीं समाते हो तब,
जब पत्नी रूप में आती हूं।
अपने सारे रिश्तों को तुम,
बहुत प्यार से निभाते हो।
फिर दूसरों की बेटियों पर,
बूरी नज़र क्यूं जमाते हो?
देखकर दूसरों की बेटी,
हो जाता है तुमको क्या?
जाग जाता शैतान तुम्हारा,
मर जाती इंसानियत भी क्या?
औरत है तो क्या उसे,
जीने का कोई हक ही नहीं?
वो भी इंसान है,
दिल बहलाने की वस्तु तो नहीं।
जानवर से भी बत्तर जब,
तुम उसको नोचते हो।
इंसानियत भी चीख उठे,
ऐसी हैवानियत करते हो।
उसकी तड़प और चिखो से,
क्या रूह तुम्हारी कांपती नहीं?
उस बिटिया के रूप में तुम्हे,
अपनी मां बेटी नज़र आती ही नहीं?
राक्षस भी हो जाए शर्मिंदा,
खुदा की तो बात ही क्या।
इंसानियत के नाम पर हो धब्बा,
तुम जैसों की जात ही क्या।
Written by

Hariana,
hosiyarpur,
Punjab
Posted by
Om Tripathi
Very nice
जवाब देंहटाएंबहुत ही भावुक एवं सुंदर रचना है ।
जवाब देंहटाएंसमाजिक कुरीतियों और अपराधिक प्रवृत्ति रखने वालों के मन को झकझोर देने वाली कविता है ।
मेरी ओर से ढेरों शुभकामनाएं !
Thanks a lot
हटाएंAmazing poetry.It just strucked me.Such wonderful lines....��how those words spoke to me! Very well done! The voice of every women��loved the poetry..❤️
जवाब देंहटाएंHeartly thankful
हटाएंIt is really a ❤️ touching poem 👏👏👏👏👏👏
जवाब देंहटाएंVry beautiful poem jo ki aaj ki reality ko bta rhi hai 👏👏👏👏
जवाब देंहटाएंIt is heart touching poem. Every line is superb.👌👌👌
जवाब देंहटाएंबहुत दुख होता है कि नारी ऊंचे ओधे पर भी असुरक्षित है। बहुत अच्छे शब्दों में व्यक्त किया है कि नारी ही मां है, बहन है, पत्नी रूप है, पूजनीय है। नारी के प्रति आपराधिक मानसिकता वाले लोगों पर भी बहुत दुख होता है। आप बुद्धिजीवियों के शब्द उनकी सोई हुई आत्मा को जगा देंगे।
जवाब देंहटाएंVery good
जवाब देंहटाएंNice lines...keep it up...
जवाब देंहटाएंAap sbhi ka bhut bhut shukria
जवाब देंहटाएंVry nyc poem
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंNyc poem
जवाब देंहटाएंNyc
जवाब देंहटाएंRespect girls save girls.. effective lines..
जवाब देंहटाएंIt's really awesome.👌
जवाब देंहटाएंVery nice
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही कहा आपने आज की नारी की कहानी है सोच बदलो समाज बदलो
जवाब देंहटाएंNyc poem
हटाएंSuper se bhi upar ki kavita h... excellent,☺️👍👍
जवाब देंहटाएंAakhrrr 🔥
जवाब देंहटाएंJi bhaut accha likha h aapne
जवाब देंहटाएंBahut khub
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