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अगस्त, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कोरोना वायरस, मजदूर और सरकार

बाजीकरण के दौर में, कोरोना फैल चुका है,  संक्रमण के चलते देश, व्यापार आदि सब बंद हो चुका है।  ये दौर बहुत मुश्किल है सच में मजदूरों के लिए,  वो पहले भी मरते थे या मारे जाते थे पूंजीपतियों द्वारा फैक्ट्रीयों में, कारखानों में मीलों में और अब भी वो मारे जा रहे हैं भूख द्वारा सडकों पर पैदल चलने से  मालगाड़ीयों से कटने से  और रेलगाड़ी के भटकने से लेकिन दलील यह होगी  मध्यमवर्ग की कि सडको ंं पर  निकलना नहीं चाहिए था उन्हें या पटरी पर सोना नहीं चाहिए था उन्हें मगर मुआफ़ कीजिये यह पूंजीपतियों की ही भाषा है ये हुक्म्रानों  और सत्ताधारीयों की ही जुबान है ,  जो मजदूरों का खून पीकर भी उन्हें ही दोषी मानती है तो इस दलील पर यह सवाल है की मजदूर को रोटी कहाँ से मिलेगी उन्हें आराम की नींद भूखे पेट कैसे मिलेगी?  जब लाॅकडाउन के नाम पर बिना व्यवस्था के सब कुछ बंद कर दिया कोरोना वायरस महामारी ही एक समस्या नहीं है समस्या भूख , सरकार की लापरवाही और अव्यावश्था भी है चाहे मर जाए कोई ट्रेन से कटकरक, हाईवे पर गाड़ीयों से कुचलकर ,  या भूख से बिलखकर सरक...

हमारा प्यारा भारत

   जिससे मिलती सबको आहत,  जीससे मिलती हर चीज़ को राहत।  सबको है, बस एक ही चाहत,  वह है हमारा प्यारा भारत॥                      फूलों की एक बाग सी,                     चिड़ियों की चहचाहट सी।                     वह है हमारा प्यारा भारत,                     जहाँ मिलती है सबको पनाह सी॥  जहाँ चलती है ,हवा सुहानी ,  जो सबके मन को लुभानी।  हर दुश्मन चाहते भारत पे शासन करना,  पर चलती है न यहाँ किसी की मनमानी॥                    दुश्मनों की क्या मजाल,                   जो बुने भारत से दुश्मनी का जाल।                   अगर कोई भारत से औकात पूछले ,            ...

रंग रूप में भेद भाव

   🌿🌿जाहा आस लगाई वही पर निराशा मिली 🌿🌿 🍃🍃जितनी रोशनी कि और गई इतना ही अंधेरा मिला 🌿🌿 😞😞डर लगता है इस अंधरे मे खो ना जाऊ किस्मत को कया मजुर है पता नही लेकिन कही इस समाज के काला गोरा सुदंर बदसूरत भेदभाव के ताने मे कही खुद को खो ना दु🍃🍃 🌿🌿कयोकि ज्यादा यहा सकल सुरत देखी जाती है किसी का सचा दिल नही 🌿🌿 🍃🍃 अब खोना कया पाना कया अब तो सारी उम्र रोना है 🌿🌿 🍃🍃रोना भी एसा आॅसु बाहार ना आए अगर छलक पडे आसु पोछने बाला कोई नही मजाक उठाने बाले हजारो होगे 🌿🌿 🍃🍃इसि भेदभाव को सहते हुए जमाने को यह बतलाना है सकल सुरत से ज्यादा इंसान का गुण और सच्चा दिल देखो 🌿🌿 🍃🍃 या मतलब भरी दुनिया चहरो पर ज्यादा मरती है गुणों पर नही 🌿🌿🌿 Written by          -  Ritu kavar        Anoopshehar, Bhadra,Hanumangar (Rajasthan)  Posted by - Om Tripathi

प्यार कब हो जाए

   प्यार कब हो जाए, कुछ पता नहीं,  प्यार किससे हो जाए, कुछ पता नहीं।  प्यार किस उम्र में हो जाए, पता नहीं,  प्यार में क्या पाएगा कुछ, पता नहीं॥                  प्यार में क्या खोएगा, कुछ पता नहीं,                प्यार में कब तक रहेगा, कुछ पता नहीं।                प्यार किस हद तक जाएगा, पता नहीं,                प्यार में साथ कौन निभाएगा, पता नहीं॥  प्यार में ऋषि कब तक रोए, कुछ पता नहीं,  प्यार उसका कभी वापस नहीं पाएगा, उसे पता नहीं।  क्यों दिल लगाया है, ऋषि एसी लड़की से,  क्या उसके बारे में तुम्हें, कुछ पता नहीं॥                शेयर कर दो यह संदेश हमारा,               ऋषि अब भी रो रहा है, क्या लड़की को पता नहीं।              जीवन भर रोना लिखा है, ऋषि किस्मत में,  ...

आया कोरोना आया कोरोना

  उमड़ धुमड़कर पूरे विश्व में, यह देखो - खूब कहकर बरसाया कोरोना  आया कोरोना- आया कोरोना ||                                                                             देखो देखो सभी गाँव  शहर वाहन इत्यादी हुए बंद,                 इसी से होगा कोरोना का कहर कम;                कितनो देशोमै हड़कंप मचाया कोरोना॥                 आया कोरोना आया कोरोना॥    आज किस गाँव शहर शहर में आया,  किस घर को अपना  शिकार बनाया कोरोना,  बहुतों को सताया कोरोना।  आया कोरोना आया कोरोना॥               देश-विदेश सब गाँव शहर भी,               नगर मुहल्ला बाजार शहर भी;  ...

रक्षाबंधन का महत्व

  बंधन-बंधन प्यार का बंधन।  सबसे न्यारा है, ये रक्षाबंधन॥  बहना जो भाई के कलाई पर राखी बांधी जाए।  भाई जन्मों- जन्मों तक बहन की रक्षा का पात्र निभाता जाए॥ राखी एक ऐसा बंधन कहलाए जो भाई बहन के प्यार एक सूत्र में बाधीं जाए॥  श्रावण माह का ये प्यारा त्योहार।  जो दिखाए भाई-बहनों का अटूट सा प्यार॥  जो भाई अपनी बहनों से अटूट प्यार है करते।  वे ही बहनों की खुशीयों के खातिर दुनिया से है लड़ते॥  यह पर्व भाई-बहन के लिए खास रहे जब किसी मुश्किल घड़ी में बहना आए।  भाई को है रक्षा करना यह पर्व याद दिलाए॥  धर्म गृहों के अनुसार सबसे पहले माँ लक्ष्मी ने राजा बली को बाधीं राखी।  तब से लोग हुए इस पर्व के आदआदि॥  इतिहास में सिकंदर की पत्नी रोकजाना ने पोरस को बाधीं राना सांगा की पत्नी कर्णावती ने हुमायूं को बाँधी राखी ये है हिंदू मुस्लिम के प्यार के साक्षी॥  रक्षाबंधन का लक्ष्य है अभी अधूरा जब भारतीय लोग जात-पात छोड़ कर बनेगें एक दूसरे का सहारा तभी होगा रक्षाबंधन का न पूरा।  हम सब भारतीय भाइयों को रक्षाबंधन में प्रतिज्ञा है करना की भ...