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Pagal

_ पागल हो क्या तुम?


क्यों कोई तुमको आँखों में बसा ले

काजल हो क्या तुम?

शहर की गलियों में गाँव वाली

मोहब्बत ढूंढ रही हो,

पागल हो क्या तुम?


अब कहाँ कोई छत पर आकर

तोहफ़े में दुपट्टा दिया करते हैं,

अब तो व्हाट्सऐप चैट पर

बिना कपड़ों के फोटो मंगा लिया करते हैं।


बिना देखे मोहब्बत करने का

दौर गुज़रे बरसों हुआ करते हैं,


देखो सूरज ढलने को आया,

चलो अपने-अपने घर चलते हैं।

(Age: 22)
Varanasi(U.P)

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