बसंत की बाहार
बसंत की बाहार फूलों की भरमार खुशबू से भरा ये संसार
रंगों से रंगा में हूँ पलास तन भी सुंदर मन भी सुंदर l
ओर मेरा जीवन है सुंदर, धूप लगे न प्यास
मानव मन मोहित हो जाता भूख लगे ना प्यास l
रहो आप सुखमय जीवन में खुशियों की बाहार l
अवनि भी अपना रंग बिखरे, केशर और हरियाली की शान l
मानव मन मोहित जाता भूख लगे ना प्यास
फूलों सा रंग लगावो जाति,
धर्म का भेद मिटावो l
रहो आप सुखमय जीवन में खुशियों की बाहार,
धरा को भी आंच न आए फूलों सा रंग लगावो खुशियों की बाहार l
रहो आप सुखमय जीवन में खुशियों की बाहार
जाति धर्म का भेद मिटावो होली का त्यौहार मनावो
खुशियों की बाहार,
मिल बाट कर खुशियां मनावो सुख समृद्धि घर में लाओ
होली का त्यौहार मनावो फूलों सा रंग लगावो
रहो आप सुखमय जीवन में खुशियों की बाहार
बसंत की बाहार फूलों की भरमार खुशबू से भरा ये संसार
रहो आप सुखमय जीवन में खुशियों की बाहार l
सुरेश कटारा
एम. एस. सी वनस्पति शास्त्र
प्रकृति प्रेमी
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