"हौसलों की उड़ान"
एक लड़की की हैयह कहानी प्यारी
उसको पढ़नेका हैशौक बड़ा
पर उसके साथ आज तक कोई खड़ा ना हुआ,
उसनेअकेलेही चलना सीख लिया
दुनिया सेभी लड़ना सीख लिया
कदम बढ़ेंगेउसके आगेसदा,
घबराई सी सहमी सी
दुनिया वो अकेले कैसे लड़ेगी भला
सपना है उसका बहुत बड़ा
पर कोई उसके साथ नहीं है खड़ा,
फिर भी आगे चल रही है
अपने सपनों की मजिंल खद ही तय कर रही है,
हैउसको खुद
पर ये यकीन बड़ा
एक ना एक दि न कोई जरूर होगा उसके भी साथ खड़ा,
आगे बढ़ेगी अपने सपनों तक मजिंल तक
पा लेगी वो एक दिन शिखर बड़ा
आए हजारों मश्किलें लेकिन
वो अपना रास्ता बना ही लेगी
खुद
के मन को बहला ही लेगी
पर वो ना रोकेगी कदम अपना,
उसको हैयकींकी मजिंल मिल ही जाएगी
जो भी करेगा मेहनत सदा,
एक लड़की की है ये कहानी प्यारी
जिसका कदम कभी ना रुका
है
तलाश उसको अभी भी अपनी मजिंल की
वो ना रुकेगी जब तक है उसमें जां..!
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ADDRESS :kanpur
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