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Kahani


_ उस रात जब भी मै सोई 

31december 2021.  2pm 



क्या पता था कि तुम मुझे फ़िर मिलोगे, मैं बेखबर इस बात से कुछ तारो को गिन अपनी आँखें  बंद करने ही लगी, कि एक बून्द मेरी आँखो पर आ गिरी 
मेरा मन एकदम से धुल गया पर इस चन्दनी सी रात और तारो से भरे इस आसमान पर बदलो का नामो निशान नहीं था, फ़िर ये नन्ही सी बून्द (हाए )
इतना कहकर  मैं सो गई 

तकरीबन रात 2बजे मेरा फोन रिंग हुआ, मैने आँखें खोली और आँखो पर अपने हाथ मलते हुए फोन उठाया  
तो देखा arjun दिल्ली 

उस समय हल्की ठंडी हवा मेरी आँखो को  सुकून दे रही थी, पर मुझे क्या पता था ये हवा मेरे अतीत का वो हिस्सा अपने साथ लाई है  जिसे मैने कई सालो पहले
 "दिल्ली के उस शहर की गली मे छोड़" लखनऊ की गलियों मे आके खुद को रोज थोड़ा थोड़ा मिटाती रही रोज खुद को भुलाती  रही 
मै अभी इन खयालो से निकली भी नहीं  कि  फोन के दूसरे तरफ़ से एक अफ़सोस भरी अवाज मे मुझे मेरा नाम सुनाई दिया " इशानी "मै एकदम से मर सी गयी उस वक़्त के लिए. और क्यो ? लोगो को अपने मन का ही करना होता है 
मैं जनाती थी अर्जुन को ,समझती थी उसे 
 पर एक अच्छे  रिश्ते के लिए किसी को जान लेना  या समझ लेना काफ़ी नहीं होता !
 एक बार मेरा नाम मुझे फ़िर सुनाई दिया  तो लगा की  जैसे साँसे अभी जिन्दा हैं मुझमे,
इन साँसो के बीच मैने उसे कभी नहीं रखा, ये बात वो जानता था 
वैसे मेरे आंसू बहुत वफ़ादार थे मेरी इजाजत के बगैर मेरी आँखो से बाहर का रास्ता वो कभी नहीं देखत,मगर आज मेरा दर्द बन मेरे आंसू मेरी इजाजत का नहीं मेरे सुकून का रास्ता ढूंढने लगे 
(i am sorry ishaani) इतना कहकर  उसकी अवाज सिस्कियो मे बदल गई, "मेरा मन किया कि मै उसे अपने सीने से लगा लू मगर दुरियां कम्बखत वक़्त की मौताज होती है !
कैसे हो तुम " मै अक्सर लोगो से ऐसे ही सवाल करती हूँ जिसके जवाब मे रिश्ते सम्भले लगे ,
मुझे मिलना है तुम से "the  peddler cafe tomorrow at 5pm lucknow "उसने ये नहीं पूछा कि आओगी न,और फोन रख दिया - इतने दिन मेरे बारे मे खोज खबर करते हुए उसे ये तो पता चल गया था कि  अपने जवाब मे मै ना नहीं कहती /
अखिरकार वर्तमान मे भागते इंसान को उसका अतीत उसे पकड़ ही लेता है 
रात गुजरी तो सर पर एक बोझ सा चढ़ने लगा, आदतन मै अपना काम वक़्त पर नहीं करती मगर आज जो भी था  today is holiday कहकर छोड़ दिया ,रोज मिलने वाले इंसान के लिए बातो कि लिस्ट नहीं तैयार करनी पड़ती, लेकिन जब किसी एेसे इंसान से सालो बाद मिला जाए तो अक्सर बाते या सवाल कम पड जाते  है लेकिन आज मेरे पास समय तो था मगर बातें नहीं  
बीना किसी सवाल बिना किसी जज्बात के साथ जब मै उस से मिलने पहुंची तो देखा " ब्राउन सर्ट  ब्लैक जिन्स और बिखरे हुए बालो ढकी हुई आँखो पर काला चश्मा,"उस होटल की कोने वाली टेबल पर बैठा वो लड़का कभी अपनी घड़ी देखता तो कभी होटल के उस मैन दरवाजे को जिस से लोग होटल मे इंटर हो रहे  थे "इस बेसबर लड़के का सबर शायद कई  सालो पहले मेरे साथ ही दिल्ली की गलियो मे दफ़न हो गया "-ऐसा तो नहीं था ये.? 

मैं अपने बेतुके सवालो को बाहर छोड़ते हुए, होटल के अन्दर आई और ठिक उसी टेबल के पास जा कर खड़ी हो गई जहाँ वो लड़का थक हार अपनी टेबल से सिर टिकाये बैठा था "मेरी आहट सुनते ही उसने अपनी आँखें मेरे चहरे पर टीका दी" ,उसका मन किया की वो उठे और मुझे अपने गले से लगा ले- पर वो जानता था की ये हक उसने कई  सालो पहले खो दिया था  

उन दिनो, साल 2018.     
हा.  हम एक ही कॉलेज म साथ पढते थे  पर दोस्त नहीं " मेरी आदत नहीं की मे किसी को याद करु क्यो की इंसान उसे याद करता है जिसे वो भूल जाये, पर अर्जुन ना ही मुझे याद था और ना ही मैने उसे कभी भुलाया    हाँ  कॉलेज टाइम मे  उसकी बहुत सी गर्लफ़्रेनड थी, मगर मै उसकी राधा बनना चहती थी 
मेरे दोस्तो ने कई बार कहा की पहले दोस्ती कर उसे जान समझ, फिर प्यार का इजहार भी कर देना 
"दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो एक लड़की और लड़का कभी नही निभा सकते, इस बात से मै ज्यादा दूर नही थी ,मगर दोस्ती के रिश्ते मे प्यार की बू  
 दोस्ती की खुशबू खराब कर देती हैबहुत हिम्मत कर कॉलेज के लास्ट इयर नाइट फ़ेरवेल पार्टी मे मैने उसे अपने दिल की बात बताई  या फिर यूं कहो कि मैने उसे प्रपोज किया -उसने बिना कुछ सोचे समझे मेरा प्रपोजर एक्सेप्ट कर लिया, 
i am so happy फाइनली मुझे जो चाहिए था वो मिल गया, ये सुनते ही मुझे झूम उठना चाहिए था मगर  मुझे जरा भी खुशी नहीं हुई. 
अक्सर कुछ चीजे जिन्हे पाने के लिए बहुत परिश्रम किया जाये और वो बिना किसी परीक्षा के मिल जाये तो उनका स्थान कुछ कम ही होता है ,मैने अर्जुन का हाथ पकड़ा और कॉलेज की छत पर ले जा कर अपना सवाल एक बार फिर दोहराया Arjun I love you ...

yes... I love you and l like you  whats  your name उसने मुझ से  पूछा तो मै चौक गई, तुम्हे मेरा नाम तक नहीं पता है और तुम मुझे हाँ कह रहे हो 
नहीं मुझे तुम्हरा नाम नहीं मालूम पर तुम  बहुत खूबसूरत हो और अब मेरी गर्ल फ़्रेन्ड भी 'अफसोस मेरी राधा बनने की चाह उसके लिए रासलीला बन गई, इन फालतू के सवालो या जवाबो का मेर पे  कोई असर  नहीं हुआ और मैने एक बार फिर अपना सवाल एकदम सपाट स्वर मे पूछा will you marry  me अब उसके चहरे का रंग उड़ चुका था और उसने मुझे अपनी बांहो में कस के पकड़ते हुए कहा  मेरी आदत नहीं कि मै रिश्तो को कैद करु  can I kiss you, No मैने उसे अपने से दूर करते हुए कहा ,और फिर मै वहा से चली आई  मैने उसकी  को सरआँखो  पर रखा जैसे मेरी आदत है वैसे उसकी भी पर जरुरी तो नहीं कि वो सही हो पर गलत ही क्या है
उस रात के बाद मुझे दिल्ली में फिर सुकून न मिला "और एक अखरी मुलाकात जो अर्जुन से थी ,उसे मुझसे मिलने मे कोई इन्ट्रेस्ट नहीं  थी   पर एक आखरी  बार बस वो अ गया ,मैने एक बार उस से फिर पूछा क्या तुम मुझसे प्यार नहीं करते  उसने चिल्ला कर कहा I you madएक सवाल बार बार करने से मेरा जवाब नहीं बदलेगा 
ok  I am going, 
now get out of my life
and I heat सना, 
उसे मेरा नाम तक याद नहीं था तो मै कब तक याद रहूंगी ,लेकिन इसमे उसकी कोई गलती नहीं हमेशा से वो ऎसे प्यार मे रहा जो उसकी जरूरतॆ पूरी करता था पर जरुरत कभी उसकी चाहत न बन सकी, 

शहर बदल देने से दिल और चहरे  नहीं बदलते इशानी, उसने कहा तो मुझे अपने अतीत से वर्तमान मे आने मे बस पलक झपकने भर का सफर तय करना पड़ा 
o hay कैसे हो तुम ये कहते हुए मै उसकी बगल वाली कुर्सी पर बैठ गई, मै ठिक हूँ तुम बताओ कैसी हो उसने कहा, 
meybe I am fine now 
ok क्या लोगी उसने मेरी तरफ मेनू सीट बढ़ाते हुए पूछा no nothing क्यो बुलाया है मैने पूछा तो उसने अपनी तरफ से दो कॉफी अॉडर कर दी 
मै दोबरा उस से कुछ पूछती उस से पहले उसने कहा "इशानी मै कैद होना चाहता हूँ मै तुम्हारे साथ अपनी जिंदगी का हर पल जीना चाहता हूँ will you marry me  मै खामोश चुपचाप  सुनती रही. मै मर जाना चाहता हूँ मुझे मे जिंदगी नहीं बची है, मेरी चंद सांसे जिन्हे मै तुमसे भीख मांगने आया हूँ "तुम्हारे जाने के बाद न दिल मे सुकून रहा न दिल्ली मेplease ishaani मना मत करना ,मुझे पता है की तुम आज भी मुझ से बहुत प्यार करती हों इशानी तुम मेरी अादत , जरुरत मेरा प्यार  ,गुस्सा, मेरी ख्वाईश मेरी जिन्दगी मेरा इन्तजार मेरा सब कुछ हो तुम please  इशानी ,
मेरे राधा बनने की चाह मे क्रिशन से दूरी ही होती है मगर ये क्रिशन नहीं था ok 
I am  excepted ,
but I have a condition  
मुझे तुम्हरी  सारी सार्ते मन्जूर है  
मैने कहा तुम मुझे कभी  भुलोगे  नहीं 
मै तुम्हे कभी नही याद करूगा I 
 love you उसने  कहा   

काश की मै जिन्दा होती  sorry अर्जुन 

छोड़ कर जाना   काश वापस आना होता 
मौत कम्ज्रफ़ जाहिर काश बाहना होता

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Poet

 Nirmala Rawat


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