_बेटी बड़ी हुई
बेटी बड़ी हुई पता नहीं चला कब बहु बनी पता न चला
मायके में टेढ़ी रोटी बनाने वाली ससुराल में कब गोल गोल रोटी बनाने लगी पता न चला
जो ज़िम्मेदारी शब्द से डरती थी वो जिम्मेदारी उठाने लगी पता न चला
बेटी कब बड़ी हुई बहु बनी पता नहीं चला
जो किसी की डांट नही सुनती थी वो सबकी बातें सुनकर चुप रहने लगीं पता न चला
भाई बहनों से लड़ने वाली ससुराल में मेल जोल सिखाने लगी पता न चला
बेटी बड़ी हुई
बहू बनी पता नहीं चला
मां की बाते सुनकर टालने वाली सास की हर बात मानने लगी पता न चला
हर काम समय से न करने वाली
ससुराल में हर काम समय पर करने लगीं पता न चला
बेटी बड़ी हुई
बहू बनी पता नहीं चला
हर बात पर चक चक बक बक करने वाली ससुराल में सलीके वाली हुई पता न चला
बेटी बड़ी हुई
बहू बनी पता नहीं चला
Amrita tripathi
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Om Tripathi
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