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Sharab ka nasha

_ शराब का नशा




तुम क्यों पीते हो

अपनी मां का सुकून अपनी पत्नी की खुशी

बहन की इच्छा एक बाप की इज्ज़त

और एक घर का सम्मान

सब एक साथ दो घूंट में पी जाते हो

कभी पूछा इनकी खुशी क्या है?

कभी पत्नी के गहने बेचकर पीते हो

कभी पूछा कि उसके मां बाप ने वो गहने कैसे दिए

कभी मां की तिज़ोरी के पैसे चुराकर पीते हो कभी मां से पूछा कि वो पैसे तिज़ोरी में क्यों बचाकर रखी थी?

कभी घर का सामान बेचकर पीते हो

कभी पूछा बाप से वो घर का सामान कैसे कमाकर लाए थे?

मर्दाना कमज़ोरी से रंग दी गई है शहर की दिवारे और नशे की हालत में कहते हो की समझाने वाले ही कमज़ोर है

तुमको लगता हैं तुम चोरी छिपे पीते हो तुम्हारे घर वाले जानते नही

सब लोग जानते हैं

बस सामने बोलकर अपना रिश्ता खराब नही करना चाहते हैं

अपने परिवार वालों की खुशी चाहते हो तो आज से

संकल्प लो शराब को हाथ नही लगाओगे



Amrita tripathi



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