_ मेरी मौत मत पूछ मेरी मौत कैसे हुई पर जो भी हुईं बहुत दर्दनाक हुई प्यार करके तुझे दिल में बसाया एक तेरी खातिर परिवार को बेगाना बनाया सांसे होती थी कभी कभी मेहमान फीर भी तेरे नाम की माला को गले लगाया तेरी एक एक बातों में नज़ाकत थी फीर भी दीवाना था तेरी बातों का आया था संदेशा एक दिन मेरी बर्बादी का वो कुछ और नहीं बस एक सादी का कार्ड था उसी दिन मेरी मौत हुई पर जो भी हुईं बहुत दर्दनाक हुई Amrita tripathi
Kavita,poem,shayari,suvichar Kahani,chutkule