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अक्टूबर, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Aalashya

  _आलस्य से दूर रहें एक 23साल की लड़की जब मेडिकल की पढ़ाई पूरी करके अपने घर पर आई तो घर के अगल बगल वाले बहुत लोगों का मिलना जुलना सुरु हो गया हर कोई उस लड़की से मुलाकात करता और जान पहचान रखता क्योंकि कब कहां कैसे किसे जरूरत पड़ जाए लेकीन वह लड़की बहुत ज्यादा आलसी थी देर से सोना देर से जागना देर रात में खाना पीना करना एक दिन अचानक गांव में एक आदमी बीमार हो गया था रात को उसे इलाज की जरूरत पड़ी 11bje रात को लड़की के घर पर कुछ लोग गए बुलाने की मैडम जी चले नही तो लखन चाचा को कुछ भी हो सकता है वह लड़की फोन चलाने में व्यस्त हो गई थी की बोली हम इस टाइम कुछ काम कर रहे हैं फोन पर सुबह आते हैं देख लेंगे मरीज को बहुत कोशिश किया गांव वालों ने वह लड़की नही गईं और अचानक देर रात में लखन चाचा की तबियत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई लड़की सुबह देर में उठी और नहाया धोया मेकप किया पर्स उठाया और चली गई जैसे लखन चाचा के घर पर पहुंची उनकी मौत हो चुकी थी लड़की को अचानक बहुत ज्यादा झटका लगा वो रोने लगी और बोली मेरी वजह से जान चली गई है मैं सही समय पर इलाज कर लेती तो वो ठीक हो सकते थे नही भी होते तो मैं सही स...

Aaj ki Shoutan

  _आज की सौतन मैं हमेशा मंदिर में पूजा पाठ करने जाती थी एक दिन अचानक मुझे एक लड़की से मुलाकात हुई वह मुझे जानती थी बाते करते करते बहुत गहरी जान पहचान हो गई थी हम दोनों एक दूसरे से अपनी बात करते थे और हो भी क्यों ना इंसान कब तक अपनी बात दिल में दबा कर रखे कोई ना कोई राजदार होना चाहिए तभी जिन्दगी आसानी से चल सकती है एक दिन प्लाक्षी अचानक मुझे मिली वो मंदिर के कोने में रो रही थी सायद उसके घर पर कुछ हुआ था पास जाकर उससे बात किया तो उसने बताया उसके पति ने उसे छोड़ने का फैसला लिया है लेकीन मैं पति को छोड़ना नहीं चाहती हूं मैं कहां जाऊंगी वो फफकर रोते हुए बोली आए दिन रोज पति मेरा घर में लड़ाई झगड़ा करते हुए रहता है 3साल से किसी लड़की के साथ रिलेसनसिप में है वो उसे छोड़ना नहीं चाहता है मैने प्लाक्षी के सिर पर हाथ रखते हुए बोला थोडा आराम से काम लो सब कुछ ठीक हो जाएगा और सहानभूति दिखाकर अपने घर पर आ गई घर पर जैसे तैसे आई तो देखा कामवाली बाई बहुत उदास है उसे दिल की बात जानी तो उसने कहा मेरा पति मेम साहब दारू पीकर रोज मारता पीटता हैं कया करू और लड़कियों के लिए पैसे लेकर जाता हैं होटल में ख...

Adha Chand

  _ आधा चांद (1) हर पगडंडी पर चढ़ते एक आलम आया था।  तेरी नजरों को मेरी नजरों से मिलता पाया था तेरा रूप बसे तो जग लगता है बाकी सब तो साया था आप कहने यह आया है कि तेरा मुझ पर साया था।  वर्षों बाद बसेरा है मेरा घर भी अब तेरा है  अब बदलता है कि कहना तुम, रातों के आंगन में हाथ पकड़कर  फिर यू कहना कि आधा चांद तेरा है आधा चांद मेरा है।  (2) तुम चाहती रही मैं निभाता रहा  तेरा गुस्सा भी मेरे काफिले मे आता रहा तेरा ना बोलना मुझे सताता रहा तू कोयल सी बोली मैं गाने लगी थी।  तेरे साए का साया मुझ तक ही आया वो पूछती रही कि तुमने क्या कमाया सारा जमाना छोड़ कर तुम्हें पाया।  👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Vivek Kumar Maurya EDUCATION : ADDRESS : Publisher Om Tripathi Contact No. 9302115955 आप भी अगर साहित्य उत्थान के इस प्रयास में अपनी मदद देना चाहते हैं तो UPI ID. 9302115955@paytm पर अपनी इच्छा अनुसार राशि प्रदान कर सकते हैं। Social Media Manager Shourya Paroha ...

Tera ishq

  ******* तेरा इश्क ******** अदालत हुस्न की होगी  मुकदमा तेरे इश्क का होगा।  गवाही मेरे दिल की होगी मुजरिम तेरा प्यार होगा।  कुछ जरूरी रहा होगा तुम्हारा बात करना उससे।  ठीक है ! कर लो!  जरूरत भी बन जाएगी।  पूछना था तुमसे तुम्हारा हाल कैसा है छोड़ने के पहले जैसा था क्या अब वैसा है।  👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Vivek Kumar Maurya EDUCATION : ADDRESS : Publisher Om Tripathi अगर आप अपनी कविता प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो आप व्हाट्सएप नंबर 7771803918 पर संपर्क करें।

Vakt

~   वक्त  ~ ये वक्त वक्त की बात है.....  जिवन की राहे कभी खुश तो कभी उदास है।  पास दरिया हो के भी बुझी नही प्यास है।  ये वक्त वक्त की बात है...   आज खुशियों के पल साथ तो       कल दु:खो की बरसात है।   कही जिंदगी भर का साथ तो  कही एक ही मुलाकात है।  ये वक्त वक्त की बात है....  आईनेसा साफ कुछ भी नही, छल  - कपट ही इंसानियत का पोषाख है।  जिंदगी के कुछ पल चमकिले, तो      कुछ चुल्हे की राख है।  ये वक्त वक्त की बात है...।  घर का प्यार भरा आंगन आज खाली और उदास है।  उड़ते पंछी को आज भी घोंसले की आस है।  ये वक्त वक्त की बात है....। 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet रुत्तिका सुघिर तिमाने  EDUCATION : ADDRESS : Publisher Om Tripathi Contact No. 9302115955 आप भी अगर साहित्य उत्थान के इस प्रयास में अपनी मदद देना चाहते हैं तो UPI ID. 9302115955@paytm पर अपनी इच्छा अनुसार राशि प्रदान कर...