_लड़की का दर्द
मां बाप की लाडली बेटी हूं
मुझे फलने फूलने दो
सतयुग त्रेता द्वापर हर युग में मेरी पहचान थी
बस कलयुग में मेरा उल्लास चला गया
मेरी खुशी चली गई
मै खुशी दू तो सब खुश हो जाएं
मै रूठ जाऊं तो सब रुठ जाएं
फिर.. समाज में मैं नगर.. डगर.. प्रताड़ित ही प्रताड़ित
मै घर में असुरक्षित मां के गर्भ में असुरक्षित
मै न औलाद न ही वारिस पराए घर की मेहमान
मै प्रकृति हूं और सृजन भी
क्यों कष्ट देते हो
घर के बाहर कानून है घर में कैसे लाऊं कानून
मुझे सम्मान दो मेरी रक्षा करो
मां के गर्भ में बचाओ
वो दिन दूर नहीं जब भारत में
राम राज्य होगा बस राम राज्य
Amrita tripathi
Good 😊😊
जवाब देंहटाएंKya baat hai sister bahut accha
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