_श्रमिक श्रमिक मैं श्रमिक परिश्रम से मेरी पहचान मै ना देखूं दिन मैं ना देखूं रात मेहनत ही मेरा विहार दो टूक पाने की प्रतिक्षा धन कमाने की इक्षा मै नही चाहता करोड़पति बनू जो हैं बस संतुष्ट रहूं बीबी बच्चों का भर्तार हूं समाज का आधार हूं यहीं हैं मेरा जीवन निर्वाह इसी से चलता मेरा परिवार मेरी जिन्दगी में बहुत कठिनाई है फिर भी यारों मेहनत की कमाई हैं Amrita tripathi 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Amrita Tripathi EDUCATION : ADDRESS :
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