_शादी
'बड़ी मजा आया जब हमने शादी की।
अपने हाथों से हमने बर्बादी की।'
'मेरे पापा ने कहा बेटा शादी कर लो।
जिंदगी के हसीन सपने कैद कर लो।'
'मुझे क्या पता था कि ये हमें फंसा रहे हैं।
मेरा घर बसा रहे हैं या उजाड़ रहे- हैं।'
'मैंने जो गलती कि उसको भुगत रहा हूं।
इस जिंदगी को घुट घुट कर जी रहा हूं।'
'शादी से पहले बड़ी मजा आती थी।
खूब नाच हुआ, खूब बाजा बजा, जब बारात जाती थी।'
'शादी में शादी की पूरी रस्में हो गई।
बारात के साथ दुल्हन भी घर आ गई।'
'कुछ ही पलों के बाद मेरी शादी हो गई।
मेरी जिंदगी के बर्बादी की शुरुआत हो गई।'
'अब ऐसी जिंदगी जीने की आदत सी हो गई है।
पहले दो बेटे थे अब एक बेटी हो गई है।'
'अब कोई चिंता नहीं कोई गम नहीं है।
हमारे जीने की इच्छा थम गई है।'
'अब मैं जीता हूं जीता ही रहूंगा।
जिंदगी के गमो को पीता ही रहूंगा।'
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Poet
Dinesh Kumar
Publisher
Om Tripathi
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Social Media Manager
Shourya Paroha
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