जिंदगी है एक खुली किताब
उस जहाँ से इस जहाँ में
एक नया अध्याय लेकर आती है
नक्शे में रब है ढालता
कुछ रंगों बेल बूटों से सजानी होती है ये किताब।
जिंदगी. .. .. . .... .... ..............
कोरा कागज जो दर्शाती है
किताब के हर पन्ने पर
अंकित पूरे जीवन के टॉपिक
लेख बनकर स्पष्टीकरण करती जाती
कर्म शब्दों से भर जाती है ये किताब।
जिंदगी....................................
हर एक पन्ने को पढ़ लेता है हर कोई
खुलते जाते ये पन्ने जब तक
जिंदगी यहाँ से रुखसत ना ले ले
कल तक थी जो कोरा कागज
पहुँचती फिर वहीं पूरे विवरण के साथ
दुनिया की नजरों को आईना दर्शाती ये किताब।
जिंदगी. ....................................
आदर्श जो परिलक्षित होते
अनुकरण कर पा सकते हैं ज्ञान
इतिहास रचकर जो चले गए
थी अपनी_अपनी किताब की शान
जुनून इस किताब का भी अलग हो
घबराएं ना कदम जब जिंदगी का हो हिसाब।
जिंदगी....................................
Poet, Tamanna kashyap
Education, B. A., B. T. C.
Uttar pradesh, sitapur.
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