स्वतन्त्रता है हिंदुस्तान मै,
इसलिए है इसकी पहचान।
यह पर तो हर जीवित प्राणी,
गाते है स्वतन्त्रता के गान।
स्वतन्त्रता के लिए,
लाखों ने दी है जान।
इस जन्मभूमि के लिए,
जीवन भी कुर्बान है।
स्वतन्त्रता पाने के लिए,
जवानो ने छोड़ा परिवार।
बस चिट्ठीयों मै ले पाते है,
अपने परिवार का प्यार।
स्वतन्त्रता के लिए तो
जवानो ने सहे है, खूब से बार।
हमारी मातृभूमि के लिए
इन्होंने छोड़ा है संसार।
स्वतन्त्रता सबको प्रिये है
यह चीज ही सबसे न्यारी है।
हमारी जान से ज्यादा हमें,
स्वतन्त्रता ही प्यारी है।
जवान हुए जो शहीद,
यह है बहुत बड़ी बात।
कड़ी से कड़ी टक्कर देकर,
दी उन्होंने शत्री को मात।
स्वतन्त्रता के लिए,
तुम पूरे जग से लड़ जाना,
अपने देश के लिए लड़कर,
मान सम्मान खूब पाना।
स्वतन्त्रता सबके लिए जरूरी है,
चाहे हो वह पशु पक्षी या इंसान।
क्योंकि जीवन मै तो होते रहेंगे,
गुलामी आज़ादी के इंतकाम।
कवि-इस्नेहिल पालीवाल
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