पंद्रह अगस्त आ गया है याद हुई कुर्बानी
लाखों भेंट चढ़ाई जिसने अपनी भरी जवानी
कितने शहीदों ने जेलो में कितने कष्ट उठाए
लाखों बहनों ने मिलकर जब अपने भाई लुटाए
सुंदर से भी सुंदर हुई उनकी भाग्य निशानी
पंद्रह अगस्त आ गया है याद हुई कुर्बानी
सुंदरियों की सूख गई थी इतनी सुंदर दानी
आजादी में रंगी हुई थी भारत भाग्य निशानी
आजादी की अभय राग जब गाती वही हवाएं
जन-जन सब तैयार हुए जब भारत मां चिल्लाए
वतन की खातिर खून बहा लेकिन हार ना मानी
पंद्रह अगस्त आ गया है याद हुई कुर्बानी
ब्रिटिश राज्य की बर्बरता जिसको दया ना आई
इस भारत के वो सपूत मृत्यु को मात सिखाई
ढाल गए भारत पर अपना वह फौलादी पानी
आजादी से रंगी हुई भारत की भाग्य निशानी
इसको अक्षय अमित बनाने अपनी बारी आई
पंद्रह अगस्त आ गया है याद हुई कुर्बानी
*विवेक दुबे सागर मध्य प्रदेश*
मोबाइल +918889850066
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