वर्तिका दुबे Ma B.ed from Allahabad university
आजकल सारा जहाँ है Online,
अब सब कुछ मिलता है Online,
प्यार भी Online और ब्रेकअप भी Online,
विवाह भी Online और तलाक भी Online,
सारे त्योहार Online,
लोगो का व्यवहार भी Online,
बच्चों कि शिक्षा भी Online,
गुरू से दीक्षा भी Online,
अब भोर जागरण भीOnline,
रात्री शयन भी Online,
परिवार मे चार सदस्य है जब,
कौन कहा पता नही अब,
सब मिलते है Online,
लोरी व कहानियां रूठ न जाए,
बच्चों का भोलापन अब छुट न जाये,
शिक्षा तो मिलेगी, संस्कार कहा से लाएंगे
सच्ची भावना व संस्कार कैसे सिखाएंगे
अपनी संस्कृति की पहचान न भुले,
भारत कि ऊँची शान न भुले,
अत्मीयता व सेवा भाव रहा नही अब,
सभी व्यस्त है जब Online॥
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