झारपोंछ के निकले घर से
काम से जातहन बाप से कहिके
मार के सैंट लगावय चश्मा
तिरछी नजर से लखय करिश्मा
घूर घूर के ताकत हैं
अव डर के मारे काँपत हैं
सोंचत हैं कैसे जाई पास मा
बाटय यहकय अम्मा साथ मा
दूर-दूर से करें इशारा
हमहूँ अबहीं अहन कुवाँरा
देखँय शींशा मारँय कंघी
नौटंकी मा ढूँढै रंडी
नेवता मेला एकउ न छूटै
बप्पा चाहै जेतना कूटै
लड़की पाय के मारैं चांस
करँय देखाय के डी जे डांस
डांस देख के बिट्टू
हौय जात हैं लट्टू
शुरू हौय फिर हेलो हाय
पूँछिहै व्हाट्सएप नंबर बाय
बोली 770
मेरा नंबर यही है हीरो
एकय बात चलै दिन रात
छूटे न हलो जानू साथ
अभी बीते न दस दिन
नई मिल गई फिन
नई मिली छोड़ो पुरानी
कुंवारों की बस यही कहानी।।
Written by anil kumar, अयोध्या उत्तरप्रदेश।।
Gjb bhai
जवाब देंहटाएंBahut accha
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