पति-पत्नी के रिश्ते का अधार,
परवाह,सम्मान,विश्वास और प्यार।
दोनो है गाड़ी के पहिये कि भांति,
गृहस्थी तभी चलेगी साथ-साथ।
दोनो सब कुछ काम बात ले आधा-आधा,
ना कोइ कम है, ना कोई ज्यादा।
सुख हो,दुख हो या हो अधिकार,
सब कुछ समान हो तभी चले परिवार।
पति-पत्नि यदि करे एक दूजे का सम्मान,
तभी बच्चो को मिले, संस्कार और ज्ञान।
यदि कोई समस्या हो तो आपस मे कर ले बात,
समझदारी से जीवन चले ना हो कोई आघात।
सास-ससुर की सेवा कि पत्नि ले जिम्मेदारी,
तो पति भी कर्तव्य निभाए कुछ तो बताये हाथ।
सारे गुण-अवगुण अपना ले मिला के हाथ,
बिना शर्त के जीवन हो तभी जन्म-जन्म का साथ।
रिश्ते मे ईमानदारी और समर्परण ,
विश्वास कि खुशबू से रिश्ता महके हर छण।
जब दोनो तरफ से निभाया जाता है कोई रिश्ता,
तभी रहती है उस रिश्ते मे आत्मीयता।
समझदारी,साझेदारी,जिम्मेदारी और संयम,
पति-पत्नी के रिश्ते के है आधार भूत नियम।
Name:- कवयित्री वर्तिका दुबे
Bahut hi sundar kavita pati patni ke prem ki sachchi dastan Practical & impressive
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