कोशिश तो थी मेरी ऊँची उडान भरने की,
अब उन कोशिशो से नकामयाब होने लगा हूँ!
परिवार की जिम्मेदारी ओ ने दबाया है मुझे,
पर उठा हु जरुर पर सहारा न मिला!
जिद्द तो अब भी है मुकाम पाने की,
पर लगन ने जिद्द से नाता ही तोड़ दिया न मुकाम पाने की!
अब तो छोटो का नमन भी दमन पर चोटों का इशारा दे रही,
रिश्तों का बन्धन भी धीमी धीमी किनारा दे रही!
उनकी कामयाबी मे सराहना है मुझे,
पर हमे ऐसा क्यो लग रहा कि निरादर मेरी हो रही!
इस जमाने से मैं क्या कहु जो नकमयाबी में आंखे बड़ी
और कामयाबी में आंखे झुका लिया करते है!
कामयाब आदमी का संघर्ष सबको दिखता है,
नकामयाब आदमी का संघर्ष किसी को दिखाई नही देती है!
कोशिश तो थी मेरी ऊँची उडान भरने की,
अब उन कोशिशो से नकामयाब होने लगा हूं!
Name:--Gajanand jayanti kenwat
Address:--dabhara, janjgir champa(C.G.)
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जवाब देंहटाएंBahut badhiya gajju Bhai
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