दिल की यही फरमाइश
दिल की यही फरमाइश है हमारी............।
काम ऐसा करू कि ,
फक्र से सिर ऊंचा हो मां बाप का ।
कदम ऐसे बढ़ाओ की,
अपनों का सहारा बन जाऊं।
हर सफलता पर नाम रचाऊ ऐसा,
कि सबके लिए उदाहरण बन जाऊ।
खुद में इतना व्यस्त हो जाऊं,
किसी से शिकायत मिलने का मौका ना मिले ।
खुद के शहर में इतना विलीन हो जाऊं,
कि किसी के खोने का डर ना हो ।
खुद की खुशी में इतना खो जाऊं ,
किसी को दुख देने की फुर्सत ना मिले ।
खुद में इतनी हिम्मत हो जाए ,
कि किसी के सहारे की जरूरत ना हो हमको।
दिल की यही फरमाइश है हमारी..........।
Written by
Rinkikashi Naresh Yadav
Ramnagar, Meja , Prayagraaj, (U.P)
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Posted by
Om Tripathi
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Very nice
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