गुनगुनाऐं नौजवां
मस्ती में होके मगन,
सारे जहाँ से प्यारा,
हमको ये हमारा वतन- - - - - - - - -
इस देश में खिले,
कितने सुन्दर -सुन्दर चमन,
उनसे फैली उस खुशबू से,
महक उठा मेरा वतन.
सारे जहाँ- - - - - - - - -
मिट करके भी जो अमिट रहे,
दिल में जरूर उत्साह उठे,
जब मर मिटने की बारी आये,
ये तिरंगा हमारा हो कफन,
सारे जहाँ- - - - - - - - -
युग-युगान्त तक उन्नतिशील रहे,
मन सोच के ये हर्षाए,
भारत में हमेशा होता रहे,
ऐसे नव वीरों का सृजन,
सारे जहाँ - - - - - - - - -
Tamanna Kashyap
Rajaparapur, Sitarpur,
U. P.
Posted by
Om Tripathi
please cament
जवाब देंहटाएंGood poem
हटाएंthanks
हटाएंSuper
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना,रचनाकार को बहुत बहुत धन्यवाद।।
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर, अच्छी कल्पना।
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