मैं भारत की बेटी हूं,
जो अपने दम पर जीती है
अपने नए कारनामों से
सब को गौरवान्वित करती है
चाहे हो वो खेल कूद
यां हो जंग का कोई मैदान
नहीं डरती है किसी से भी
हमेशा जीत का करती ऐलान
झांसी की रानी वीरांगना जिसने
अंग्रेजो को था खदेड़ दिया
इंदिरा , प्रतिभा ने राज़ संभाल कर
देश को था हैरान किया
जो कहते थे लड़की है ये
नहीं कुछ कर सकती है
चूल्हा चौंका करना है बस
क्यूं स्कूल में पढ़ती है
आज करते झुक कर सलाम
गुजरती हूं जिधर से भी
सब की बेटियां हो ऐसी ही
कहते हैं आपस में वही
चूल्हा चौंका हो या हो फिर
ऑफिस का कोई भी काम
कोई फील्ड हो चाहे देश हो
लेती हूं सब संभाल कमान
पूरे संसार में सबसे आगे
हम भारत की बेटियां
तभी तो हम सब देते नारा
पढ़ें -बढ़ें भारत की बेटियां।
Written by
Anita Mishra
Haryana,
Hoshiyarpur
Punjab
Posted by
Om Tripathi
Wonderful poetry ❤️ and great lines....loved it
जवाब देंहटाएंYou are a great poetess
जवाब देंहटाएंThanks
हटाएंशानदार जबरदस्त ज़िंदाबाद
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरत