"किसान" देश की शान होते हैं किसान, करना चाहिए इनका सम्मान | पोषण करते हैं सबका किसान, उपजाते हैं ये विभिन्न धान || है किसान एक इक ऐसा नाम, "जिससे बची है सबकी जान | करते हैं ये आजीवन श्रम, छिल जाती है इनकी चर्म ।। सुबह-शाम और रात दिन, हो गर्मी या फिर सर्दी । रहता है बस एक ख्याल, जैसे-तैसे हो अन्न का भंडार || है किसान जगत के पालक, चैन इनको नहीं सुहावत। होते हैं ये दीन-दुःखी, मत आँको इनका जीवन सुखी ॥ है किसानों की क्या हस्ती, बस करते रहो खेतों मे मस्ती | हरियाली की चुनर धानी, फसले लगती है मस्तानी । 👉 हमसे जुडने के लिए यहाँ click करें 👈 Poet Naresh Gora EDUCATION : ADDRESS :v/p Goro ka Tala Dhanau Barmer Rajasthan(344702) Publisher Om Tripathi Contact No. 9302115955 आप भी अगर साहित्य उत्थान के इस प्रयास में अपनी मदद देना चाहते हैं तो UPI ID. 9302115955@paytm पर अपनी इच्छा अनुसार राशि प्रदान कर सकते हैं। ...
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