. खुशहाल ख़ुशी खुशियों की लहर दौड़ पड़ी रामदत्ती परिवार में पाकर एक सुंदर सी कन्या भर गए जज़्बात में बेटे के बाद बेटी आई इस छोटे से परिवार में "ख़ुशी" जिसका नामकरण हुआ इस जहान में। नाज़ुक सी, कोमल सी कली है वो सब के दिलों की धड़कन है वो पापा की लाडली, मम्मा की दुलारी भाई की नज़रों में बहुत ख़ास है वो। एक मामा की आँखों का नूर है तो दूसरे मामा के जीवन का हूर है सभी मौसियों की वो चश्म-ए-बद दूर है सादगी सा जीवन, करती नहीं मगरूर है। पढ़ाई में हमेशा ही वो अव्वल रहती है अपने भविष्य की वो सदैव क़दर करती है जी जान से मेहनत वो करती रहती है और सुनहरे सपने वो सदा बुनती रहती है। --- बहुत कुछ मन में संजोए रखा है अपना निश्चित उद्देश्य बनाए रखा है सफलता का मन में हठ निश्चय कर रखा है बिना किसी सहयोग के, स्वयं को परखा है। भविष्य में कुछ अच्छा करने की ठानी है परिवार में उसके जैसा नहीं कोई सानी है भोली मासूम सी, लेकिन लगती बेगानी सी है जल्द ही किसी से खुलती पहचान नहीं लेकिन अपनी तो दीवानी है। खूब करो मेहनत और अच्छी ज़िंदगी बनाओ समाज और परिवार में खूब नाम कमाओ यही दुआ करता है ईश्वर से ये ना...
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