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Dadi

दादी से हम मिल न सके हमारी दादी बहुत अच्छी थी। हम सभी भाई बहन दादी से बहुत प्यार करते थे। मां पापा से अधिक दादी ही हमे समझती थी। उनके जैसी प्रेमी और सामाजिक महिला हमने कहीं नहीं देखा था। हमारी मां हम लोगो का उतना ध्यान नहीं दे पाती थी जितना दादी देती थीं बचपन में दादी हम लोगो के लिए हमारी जान थी पापा तो थोड़े गुस्से वाले थे। उनके गुस्से से बचाती थी। सुबह स्कूल जाना होता था घर में बहुत काम भी होते थे दादी जल्दी ही हमे उठा देती थी। हम लोग थोड़े से बड़े हुए अब दादी हम लोगो की सादी के लिए परेशान रहती थी। क्या होगा कैसे होगा ये सब घर में बहुत जिम्मेदारियां थी इसलिए हम दो बहनों की सादी दादी ने एक साथ कराई थी। और हम सब अपने ससुराल भी आ गए। सबसे अधिक कोई रोया होगा तो वह थीं हमारी दादी हम लोग भी दादी के बिना ससुराल में अच्छे से नही रह पा रहे थे जैसे ही एक माह बीता दादी न जाने क्यों हम लोगो से मिलने के लिए बहुत परेशान हो उठी बार बार दादी फोन करती थी की मिलने आ जाओ दादी की बात मानकर मेरी बहन दादी से मिलकर आ गई और मुझे भी दादी रोज फोन करके बुलाती थी लेकीन मेरे घर पर रोज रोज कोई न कोई मेहमान ...