छलक गये, हैं आंसू ये। याद तुम्हारी, आखों में॥ ढूंढ रहा हूँ, हर पल में। मैं अपनी ,ही यादों में॥ कहाँ खो गए हो , यादों में, अभी मिलना भी तो बाकी है॥ सर पर हाथ जरा रख दो, मजिंल मिलाना बाकी है॥ धुंधला हूँ साफ बना जाओ, टु कडा हूँ काग बना जाओ॥ खोए हुए हो याद में, बस हाथ ही सर पर फिरा जाओ॥ Written by -Shourya Paroha Posted by -Om Tripathi
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